जबलपुर। मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने उद्घाटन किया। 7 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है। यह फ्लाईओवर अब शहर की 7 किमी की दूरी को केवल 7 मिनट में पार करने योग्य बना देगा।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने मंच से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम लेते हुए कहा कि फ्लाईओवर के निर्माण की प्रक्रिया कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि जब यह प्रस्ताव आया, तब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। गडकरी ने उन्हें फोन कर कहा कि प्रस्ताव सीआरएफ में भेजें, ताकि दोगुना फंड राष्ट्रीय राजमार्ग से दिया जा सके।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच X पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जबलपुर की जनता को बधाई देते हुए कहा कि फ्लाईओवर की शुरुआत उनके कार्यकाल में हुई थी। साथ ही उन्होंने नितिन गडकरी को सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया।
लेकिन कमलनाथ यहीं नहीं रुके। उन्होंने प्रदेश की मौजूदा मोहन सरकार पर भी निशाना साधा। कमलनाथ ने लिखा, “मैं आशा करता हूं कि गडकरी जी की तरह बाकी केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकार भी कांग्रेस सरकार के विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ नहीं करेंगे।”
उन्होंने मेट्रो प्रोजेक्ट और महाकाल कॉरिडोर का उदाहरण देते हुए कहा कि इन योजनाओं की नींव भी कांग्रेस सरकार के दौरान रखी गई थी।
जबलपुर में आज सबसे बड़े फ्लाईओवर का लोकार्पण हुआ है, इसके लिए मैं जबलपुर की जनता को बधाई देता हूँ।
संस्कारधानी के लोगों को याद होगा कि इस फ्लाईओवर के निर्माण की प्रक्रिया तब शुरू हुई थी, जब मैं मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री था।
मैं केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी @nitin_gadkari… pic.twitter.com/4haxUN83Ph
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 23, 2025
गडकरी ने कार्यक्रम में कहा, “कमलनाथ जी ने प्रस्ताव भेजा, हमने स्वीकृति दी। देश में पहली बार सीआरईएफ से ऐसे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई।”
इस बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। जहां एक ओर गडकरी की पारदर्शिता की सराहना हो रही है, वहीं कांग्रेस इस मौके को अपनी उपलब्धियों के प्रचार में बदलने की कोशिश कर रही है।
📍मध्य प्रदेश प्रवास 🛣#PragatiKaHighway #GatiShakti @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/ky42oJb5UY
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 23, 2025