मप्र : विशेषज्ञों की टीम सतपुड़ा भवन अग्निकांड की जांच में जुटी, 3 दिन में आएगी रिपोर्ट
By : hashtagu, Last Updated : June 13, 2023 | 10:02 pm
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतपुड़ा भवन में आग लगने को लेकर बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में घटना की जांच रिपोर्ट तीन दिन में पेश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह संतोष की बात है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। चौहान ने कहा कि जो कार्यालय आग से प्रभावित हुए हैं, उन्हें अन्य भवनों में शिफ्ट कर तत्काल कार्य आरंभ किया जाए, ताकि शासकीय कार्य प्रभावित न हो। शासकीय दस्तावेजों को डिजिटली र्रिटीव कर रिकॉर्ड संधारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना न हो, इसके लिए फायर सेफ्टी ऑडिट की पुख्ता व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी बहुमंजिला इमारतों के चारों ओर फायर फाइटिंग सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए स्थान उपलब्ध हो। बैठक में जानकारी दी गई कि आग पर नियंत्रण के लिए सेना, सीआईएसफ, भेल और एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीमों को सक्रिय किया गया था।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि सतपुड़ा भवन में हुई आगजनी में विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग चार हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षित हैं। शॉर्ट सर्किट से लगी आग को षड्यंत्र बताने वाले तथाकथित लोगों की बुद्धि पर तरस आता है, वह भी उस समय जब कार्यालय में हजारों अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी हो। इस प्रकार के निराधार और बेबुनियाद आरोप बताते हैं कि कुछ लोग विपत्ति में सहायता के स्थान पर राजनैतिक अवसर तलाश रहे हैं।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि आग से प्रभावित कार्यालयों में किसी भी प्रकार के पर्चेसिंग और टेंडरिंग संबंधी दस्तावेज नहीं थे। अन्य डाटा के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की जानकारियां हार्डडिस्क से रिकवर हो जाएगी। इसमें थोड़े परिश्रम की जरूरत होगी।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि सतपुड़ा भवन में संचालित कार्यालयों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही की जाएगी। मंगलवार को सतपुड़ा भवन के समस्त कार्यालयों के लिए अवकाश घोषित किया गया है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने सतपुड़ा भवन का अन्य जांच दल के सदस्यों के साथ मुआयना किया। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के दल अग्निकांड की जांच में लगे हैं। इस मामले में प्रारंभिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। जांच में तथ्य सामने आने पर ही कुछ कहा जा सकेगा।
इस अग्निकांड में तीसरी से लेकर छठी मंजिल तक के कार्यालयों को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा नुकसान चिकित्सा संचालनालय, आदिमजाति कल्याण कार्यालय, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त कार्यालय को नुकसान होने की बात सामने आ रही है। इन कार्यालयों में रखे दस्तावेज और फाइलें जली हैं।
आगजनी पर काबू पाने के लिए दो हाइड्रोलिक समेत नगर निगम की कुल 28, पुलिस की चार, सीआईएसएफ की दो, एयरपोर्ट की दो, बीएचईएल की एक, आर्मी की दो कुल 39 फायरब्रिगेड ने संयुक्त रूप से एकजुट होकर कार्य किया। साथ ही भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड, वर्धमान ग्रुप और ट्राइडेंट ग्रुप के अग्निशमन संबंधी उपकरण भी उपयोग किए गए।
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