मध्यप्रदेश में जल्द दिखेंगे जिराफ और जंगली गैंडे मुख्यमंत्री बोले वन विकास हमारा लक्ष्य

यह घोषणा राजधानी भोपाल में चल रहे 11वें इंटरनेशनल वन मेला के दौरान की गई, जहां देश के अलग-अलग हिस्सों के वन उत्पाद, आयुर्वेदिक उपाय और पारंपरिक व्यंजन भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं.

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 03:18 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वन मेला में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Mohan Yadav) ने बड़ा ऐलान किया है. वन और वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार जल्द जिराफ और जंगली गैंडे जैसे विदेशी और दुर्लभ प्राणियों को प्रदेश के जंगलों और संरक्षित क्षेत्रों में लाने की योजना पर काम कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है और वन्य जीवों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2026 में रानी दुर्गावती अभयारण्य में चीतों को बसाने की योजना है और इसके बाद यह नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.

यह घोषणा राजधानी भोपाल में चल रहे 11वें इंटरनेशनल वन मेला के दौरान की गई, जहां देश के अलग-अलग हिस्सों के वन उत्पाद, आयुर्वेदिक उपाय और पारंपरिक व्यंजन भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं. मेले में लगभग 10 सरकारी स्टॉल, 136 निजी स्टॉल और 24 अन्य राज्यों के प्रदर्शनी स्टॉल शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार वन, वनोपज और वन्य जीवों को मध्यप्रदेश की पहचान के रूप में देखती है और इसके लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं. वन विभाग स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ जैव विविधता को मजबूत करने पर भी ध्यान दे रहा है.

इस पहल से उम्मीद है कि मध्यप्रदेश के जंगलों में पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होगा और वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा.