भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस में उस समय सियासी हलचल तेज हो गई जब कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश नायक (Mukesh Nayak) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुकेश नायक ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजा और इसे स्वेच्छा से दिया गया निर्णय बताया। यह इस्तीफा हाल ही में सामने आए टैलेंट हंट विवाद के बाद आया है।
मुकेश नायक ने अपने इस्तीफे में लिखा कि प्रबंध समिति की बैठक में उन्होंने यह बात कही थी कि पुराने लोगों को नए लोगों के लिए स्थान खाली करना चाहिए। इसी भावना के साथ वे स्वेच्छा से पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि दो वर्षों तक एक मेहनती, ईमानदार और सक्षम अध्यक्ष के साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा और उन्होंने शुभकामनाएं भी दीं।
मुकेश नायक के इस्तीफे के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गईं। बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह कांग्रेस की अंदरूनी कलह को उजागर करता है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं को अपमानित और उपेक्षित करने की परंपरा रही है। इसी कारण मुकेश नायक जैसे वरिष्ठ नेता को इस्तीफा देना पड़ा। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में केवल चाटुकारों के लिए जगह है और अच्छे नेताओं को काम करने का अवसर नहीं मिलता।
बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष ऊषा अग्रवाल ने भी सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि मुकेश नायक ने अपने दायित्वों का संतुलन और सृजनात्मकता के साथ निर्वहन किया लेकिन कांग्रेस में ऐसे प्रयासों को समझने और सराहने वाला नेतृत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि गुटबाजी, पट्ठावाद और परिवारवाद के कारण समर्पित नेता हतोत्साहित होते हैं और यह इस्तीफा कांग्रेस में नेतृत्व के अभाव और भरोसे के संकट को उजागर करता है।
हालांकि इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस संगठन ने बड़ा फैसला लेते हुए मुकेश नायक का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। संगठन महामंत्री संजय कामले की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि मुकेश नायक पहले की तरह मीडिया विभाग अध्यक्ष के रूप में सक्रिय रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे और संगठन को मजबूत करने में योगदान देंगे।