भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) निपटते ही उपचुनाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक से सांसद बन गए हैं और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया अब गुना से लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं।
इन नेताओं की जगह कौन लेगा, यह बड़ा सवाल है। वहीं इन स्थानों पर कब्जा जमाने की कोशिश भी शुरू हो गई है।
इस चुनाव में कांग्रेस के पांच विधायक और एक राज्यसभा सदस्य को हार का सामना करना पड़ा है। राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है।
इस चुनाव में दो सदनों के निर्वाचित सदस्य भी निर्वाचित हुए हैं। इनमें एक हैं पूर्व मुख्यमंत्री और बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान, जो विदिशा से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री चौहान के लोकसभा का चुनाव जीतने पर बुधनी विधानसभा सीट रिक्त होगी, इसी तरह सिंधिया के गुना से निर्वाचित होने पर राज्यसभा सीट रिक्त होगी।
इन दोनों स्थानों पर अपनी संभावनाएं तलाशने के लिए नतीजे आते ही कई नेताओं ने हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। इन दोनों नेताओं के लोकसभा सदस्य की सदस्यता लेने और विधानसभा व राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद सियासी गलियारों में दावेदारों के नाम भी जोर पकड़ने लगेंगे।
राज्य में लोकसभा चुनाव में 6 विधायकों और दो राज्यसभा सदस्यों ने भाग्य आजमाया था। इनमें से सिर्फ दो चौहान और सिंधिया को ही सफलता मिली, जबकि अन्य राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से हार का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा 5 विधायक और कांग्रेस के उम्मीदवार सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, शहडोल से फंदे लाल मार्को, मंडला से ओंकार सिंह मरकाम, भिंड से फूल सिंह बरैया और उज्जैन से महेश परमार को हार का सामना करना पड़ा।
ज्ञात हो कि राज्य में हुए लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। यह पहला मौका है जब भाजपा को इतनी बड़ी सफलता मिली है। इससे पहले भाजपा ने 2014 के चुनाव में 27 और 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 स्थानों पर जीत दर्ज की थी।