क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में जनजातीय जीवन-शैली से शिक्षा लेने की जरुरत – राष्ट्रपति मुर्मू

By : hashtagu, Last Updated : November 16, 2022 | 12:06 am

शहडोल, 15 नवंबर (आईएएनएस)| दुनिया पर गहराए जलवायु परिवर्तन को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा है कि क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों को देखते हुए हमें जनजातीय जीवन-शैली से शिक्षा लेने की आवश्यकता है।

मध्यप्रदेश के शहडोल के लालपुर में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा, आज क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों को देखते हुए हमें जनजातीय जीवन-शैली से शिक्षा लेने की आवश्यकता है। जनजातीय जीवन प्रकृति पर आधारित होता है और वे प्रकृति की रक्षा करते हैं। उनके लिये मानव समाज, वनस्पति जीव-जंतु समान महत्व के है। जनजातीय वर्ग व्यक्ति के स्थान पर समूह को, प्रतिस्पर्धा के स्थान पर सहकारिता को और विशिष्टता के स्थान पर समानता को अधिक महत्व देता है। उनमें स्त्री और पुरूष समान होते हैं और लिंगानुपात बेहतर होता है।

उन्होंने आगे कहा, जनजातीय समाज का विकास पूरे देश के विकास से जुड़ा हुआ है। जनजातीय समाज एवं वंचित वर्गों के विकास और सशक्तिकरण में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। मध्यप्रदेश में जनजातीय महापुरूषों की स्मृति को बनाए रखने और भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिये सराहनीय प्रयास किये हैं। इसके लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगुभाई पटेल सहित सभी संबंधित बधाई के पात्र हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिये जिन प्रकल्पों को प्रारंभ किया गया है, वे सभी राष्ट्रीय महत्व के हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के लिये बनाए गए नये नियम जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण एवं जनजातीय वर्ग को उनके अधिकार दिलाने में प्रभावी होंगे। सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान, बिरसा मुण्डा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, महिला उद्यमियों का सम्मान सभी जनजातीय सशक्तिकरण में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू मध्यप्रदेश के सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पुस्तिका का विमोचन किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपति मुर्मू को पेसा अधिनियम नियमावली की प्रथम प्रति सौंपी। राष्ट्रपति मुर्मू ने सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुण्डा के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। राज्यपाल पटेल ने राष्ट्रपति मुर्मु का वीरन माला, जनजातीय दुपट्टा पहना कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रपति मुर्मू का जनजातीय पगड़ी पहना कर स्वागत किया और उन्हें भील पिथोरा चित्र कलाकृति भेंट की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी मध्यप्रदेश के ही सपूत थे, जिन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन कर जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये ऐतिहासिक योगदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सोच को आगे बढ़ाते हुए आज यह मंत्रालय जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण के कार्य कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के कार्यों की भी सराहना की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनजातियों की अपनी विशिष्टताएं हैं। बैगा जनजाति अपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के ज्ञान एवं उपचार के उपयोग के लिये प्रसिद्ध हैं। मध्यप्रदेश के चंबल, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड, महाकौशल क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में जनजातीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है।