MP Chief Minister: शिवराज नए अंदाज में, कर्मठ को शाबाशी और लापरवाह को दंड
By : hashtagu, Last Updated : December 4, 2022 | 2:29 pm
मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को डिंडोरी जिले के शहपुरा विकासखंड में बिलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना का औचक निरीक्षण कर ग्रामीणों और किसानों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान बांध में सीपेज होना पाये जाने पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री बी.जी.एस सांडिया, सब इंजीनियर एस.के. चौधरी और एसडीओएम.के. रोहतास को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही बांध के तकनीकी परीक्षण के लिये भोपाल से एक उच्च-स्तरीय टीम भेजी जाएगी।
इसी दौरान मुख्यमंत्री (Chief Minister) चौहान शासकीय हाई स्कूल बिलगांव भी पहुंचे, जहां उन्होंने बच्चों से शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी ली और सवाल जबाव किए। छात्र-छात्राओं ने प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दिया तो उन्होंने प्रोत्साहन स्वरूप विद्यार्थियों को पेन भेंट किये।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने पिपरिया स्थित जनजातीय बालक आश्रम शाला बड़झर का निरीक्षण भी किया, आश्रम शाला में अनुपस्थिति और लापरवाही के लिये अधीक्षक कमलेश गोलिया को निलंबित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम पंचायत अमठेरा के पोषक ग्राम बड़झर पिपरिया में किसानों द्वारा बीज वितरण संबंधी की गई शिकायत पर उप संचालक कृषि अश्वनी झारिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। डिंडौरी जिले में अच्छे कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को शहपुरा हेलीपेड पर पुष्प-गुच्छ देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंडला जिला चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान कमियां मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. कृपाराम शाक्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यहां जनजातीय बालिका एवं सीनियर बालिका छात्रावास के निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलने पर हॉस्टल अधीक्षक प्रभा गुमास्ते को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बैतूल जिले में गड़बड़ी करने वाले चार अधिकारियों, बैतूल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खनिज अधिकारी और बिजली विभाग के दो उप यंत्रियों को मंच से ही निलंबित कर दिया था।
मुख्यमंत्री चौहान के तेवर बदले हुए हैं और वे सरकारी मशीनरी को दुरुस्त करने के अभियान में लगे हैं। भोपाल में रहकर जहां सुबह जिला अधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हालात का ब्यौरा लेते हैं तो अब उन्होंने सीधे जमीन पर पहुंचने का अभियान छेड़ दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का वक्त बचा है। जनता में सबसे ज्यादा नाराजगी यदि किसी को लेकर होती है तो सरकारी मशीनरी से। इन स्थितियों में अगर सरकारी मशीनरी में कसावट लाई जाती है, अफसरों पर कार्रवाई होती है तो जनता में अच्छा सन्देश जाता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री सक्रिय हुए हैं।
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