भोपाल, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress in Madhya Pradesh) ने अपनी कमान युवा हाथों में सौंप दी है। अब तक प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष (State President and Leader of Opposition) की कमान वरिष्ठ नेताओं के हाथ में रही है। अब युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर पार्टी ने नया चेहरा सामने लाया है। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। सत्ता की आस लगाए कांग्रेस का जीत का आंकड़ा तीन अंको तक नहीं पहुंच पाया। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 66 पर ही सिमट कर रह गई।
विधानसभा चुनाव में पार्टी के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को हार का सामना करना पड़ा है और नए नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई और एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर नेता प्रतिपक्ष चयन का अधिकार पार्टी हाई कमान को सौंप दिया गया।
इन नियुक्तियों से कांग्रेस के युवा वर्ग में उत्साह है। वहीं पार्टी ने जातीय समीकरण को भी ध्यान रखा है। प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से हैं तो नेता प्रतिपक्ष आदिवासी हैं, वहीं उप नेता प्रतिपक्ष ब्राह्मण स्वर्ण वर्ग से हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी ने युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर राज्य में शक्तिशाली भाजपा से मुकाबला करने की तैयारी कर ली है। आगामी समय में लोकसभा के चुनाव हैं और पार्टी को इस नई टीम के बल पर कुछ सफलता भी मिल सकती है, इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता।