-60 डिग्री, कम ऑक्सीजन: लैंडिंग गियर में छिपे दो भारतीय भाई, एक की मौत
By : hashtagu, Last Updated : September 23, 2025 | 10:10 pm
दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) के 13 वर्षीय लड़के ने हाल ही में काबुल से दिल्ली आने वाली एक कम एयरलाइंस की फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छिपकर यात्रा की। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब विमान उतरा तो एयरलाइन स्टाफ ने उसे विमान के पास देखा और तुरंत CISF को सूचना दी। पूछताछ में लड़के ने बताया कि उसने यह कदम महज जिज्ञासा में उठाया और लैंडिंग गियर के हिस्से में छिप गया। तलाशी के दौरान एक छोटा लाल स्पीकर भी मिला, जो संभवतः उसका था। सुरक्षा जांच के बाद विमान को मंजूरी दे दी गई और दोपहर में उसी फ्लाइट से लड़के को वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया।
यह घटना 1996 में हुई एक दुखद और खतरनाक कोशिश की याद दिलाती है, जब पंजाब के दो भाई ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट के व्हील वेल में छिपकर लंदन जाने की कोशिश में शामिल हुए थे। 23 साल के प्रदीप सैनी और 19 साल के विजय सैनी, दोनों कार मैकेनिक थे और उन पर खालिस्तानी संगठन से जुड़ाव के आरोप लगे थे। उनके पास वीज़ा या पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने छिपकर उड़ान भरने का जोखिम उठाया।
दिल्ली एयरपोर्ट से ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट में घुसने के बाद दोनों विमान के नोज़ व्हील वेल में छिप गए। लेकिन उड़ान के दौरान विमान जब 35,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, तो तापमान -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया और ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम हो गया। तेज़ इंजन की आवाज़ और सर्दी के कारण विजय सैनी इस यात्रा में जान गंवा बैठे। जैसे ही विमान लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतरने लगा, विजय का शव विमान से नीचे गिर गया।
प्रदीप सैनी किसी तरह 10 घंटे की फ्लाइट में बच गए। लैंडिंग के बाद वह रनवे पर बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें गंभीर हाइपोथर्मिया के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर हिरासत में लिया गया। डॉक्टर्स ने इसे एक मेडिकल चमत्कार बताया। विशेषज्ञों के अनुसार, ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड ने उनके शरीर को एक तरह की “सस्पेंडेड एनिमेशन” की स्थिति में डाल दिया, जिससे वे जीवित रह सके। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद वह ब्रिटेन में बस गए और अब लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर काम करते हैं।
ऐसी ही एक घटना 2015 में घटी थी, जब जोहान्सबर्ग से लंदन की फ्लाइट में दो लोग लैंडिंग गियर में छिपकर यात्रा कर रहे थे। उनमें से एक, जस्टिन (पूर्व में थेम्बा कबेका), गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद बच गए, जबकि उनके साथी कार्लिटो वेले की मौत हो गई थी। यह कहानी ‘The Man Who Fell from the Sky’ नामक डॉक्यूमेंट्री में दिखाई गई थी।