बेंगलुरु, 16 जून (आईएएनएस)| कर्नाटक भाजपा (Karnataka BJP) ने धर्मांतरण निषेध कानून (Anti Conversion Law) में संशोधन करने और पिछली सरकार द्वारा पेश किए गए सभी कड़े प्रावधानों को हटाने के लिए शुक्रवार को एक बार फिर कांग्रेस सरकार की आलोचना की। भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री आर. अशोक ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता धर्मांतरण के दूत बनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के फैसले का केवल आर्चबिशप ने स्वागत किया है। क्या किसी अन्य धार्मिक संत ने इस कदम का स्वागत किया है?
उन्होंने कहा कि इलाज, शिक्षा और लव जिहाद के बहाने हिंदुओं का धर्मांतरण किया जा रहा है। कांग्रेस की विचारधारा टीपू सुल्तान (तत्कालीन मैसूर शासक) की विचारधारा के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि समाज के एक वर्ग को खुश करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जनता सोच रही है कि वोट के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक गिर सकती है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस कर्नाटक को मिनी पाकिस्तान बनाना चाहती है। जब भाजपा सरकार धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाई, तो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को छोड़कर किसी ने विरोध नहीं किया। भाजपा इस कदम को वापस लेने की मांग करती है।
चावल की आपूर्ति को लेकर विवाद पर टिप्पणी करते हुए, अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला सोचते हैं कि वह कैबिनेट मंत्री हैं। क्या आपको लगता है कि केंद्र सरकार आपकी जेब में है? अगर कांग्रेस कर्नाटक को बेचने का प्रस्ताव रखती है, तो क्या केंद्र सरकार को अपनी सहमति देनी चाहिए? अशोक ने कहा कि सीएम सिद्दारमैया ने बेशर्मी से चावल के पैकेट पर अन्ना भाग्य योजना की मुहर लगा दी थी, जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा चावल उपलब्ध कराया गया था।
उन्होंने कहा कि एक साल में यह सरकार दिवालिया हो जाएगी। लोग कानून हाथ में ले रहे हैं। अगर कांग्रेस वादों को पूरा नहीं कर रही है, तो वह सत्ता खो देगी। गारंटी की घोषणा केंद्र सरकार से सहमति लेकर नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा चुनाव तक किसी तरह मैनेज करेंगे और बाद में घुसपैठ खत्म हो जाएगी।