Bengaluru Stampede: RCB, इवेंट कंपनी और KSCA को जिम्मेदार ठहराया, स्टेडियम असुरक्षित बताया गया
By : hashtagu, Last Updated : July 26, 2025 | 11:42 am
बेंगलुरु : Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री डे परेड के दौरान हुई भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार द्वारा गठित जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा आयोग ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सार्वजनिक की। इस रिपोर्ट में स्टेडियम को बड़े आयोजनों के लिए असुरक्षित करार दिया गया है और भविष्य में ऐसे आयोजनों को सुरक्षित और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले स्थलों पर ही आयोजित करने की सिफारिश की गई है।
प्रमुख बिंदु:
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स्टेडियम की असुरक्षा
आयोग ने रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम की डिजाइन और संरचना ऐसी नहीं है कि वहां बड़ी संख्या में लोग सुरक्षित रूप से इकट्ठा हो सकें। स्टेडियम में भीड़ नियंत्रण, प्रवेश-निकासी, पार्किंग और इमरजेंसी प्लान जैसी बुनियादी सुविधाओं की गंभीर कमी पाई गई। आयोग ने भविष्य में पुराने स्टेडियमों में सुधार के बिना कोई बड़ा आयोजन न करने की सलाह दी। -
भविष्य के आयोजनों के लिए सिफारिशें
रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में ऐसे बड़े आयोजनों का आयोजन केवल उन स्थानों पर होना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं। साथ ही, पुराने स्टेडियमों में आवश्यक सुधार किए जाने चाहिए, ताकि बड़े पैमाने पर आयोजनों को सुरक्षित रूप से आयोजित किया जा सके। -
RCB, DNA एंटरटेनमेंट और KSCA को जिम्मेदार ठहराया
आयोग ने RCB, उनके इवेंट पार्टनर DNA एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। RCB के वरिष्ठ अधिकारियों, DNA एंटरटेनमेंट और KSCA के कुछ प्रमुख व्यक्तियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिनमें KSCA अध्यक्ष रघुराम भट, पूर्व सचिव ए शंकर और पूर्व कोषाध्यक्ष ईएस जयराम शामिल हैं।
घटना का विवरण:
4 जुलाई को RCB की खिताबी जीत के जश्न में विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया था, जिसमें अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में RCB पर आरोप लगाया गया था कि उसने विक्ट्री परेड के आयोजन के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली थी और सिर्फ पुलिस को सूचना दी थी। इसके अलावा, आयोजन से पहले पुलिस और आयोजकों के बीच किसी तरह की योजना या संवाद की कमी थी।
कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट:
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RCB ने पुलिस को सूचना दी, अनुमति नहीं ली
रिपोर्ट में बताया गया कि RCB ने 3 जून को पुलिस को केवल सूचना दी थी, लेकिन अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया था, जो कि कानून के अनुसार जरूरी था। -
भीड़ का असंगठित प्रबंधन
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के सोशल मीडिया पोस्ट के कारण 3 लाख से ज्यादा लोग स्टेडियम के आसपास जमा हो गए, जबकि स्टेडियम की अधिकतम क्षमता केवल 35,000 थी। इस असंगठित भीड़ ने गेट तोड़ दिए, जिससे भगदड़ मच गई। -
फ्री एंट्री और बिना पुलिस सलाह के सार्वजनिक निमंत्रण
RCB ने अपने सोशल मीडिया के जरिए मुफ्त प्रवेश का एलान किया, जिससे भारी भीड़ उमड़ी। लेकिन पुलिस से कोई सलाह नहीं ली गई, और भीड़ की स्थिति को सही से मैनेज नहीं किया गया। -
परेड क्यों नहीं रोकी गई?
रिपोर्ट में कहा गया कि अगर आयोजन को तुरंत रद्द कर दिया जाता तो हिंसा और अराजकता का डर था। इसलिए आयोजकों ने परेड का समय कम किया और निगरानी बढ़ाई, ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
घटनास्थल पर मची भगदड़:
4 जून को RCB की विक्ट्री परेड के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों लोग इकट्ठा हो गए थे। एंट्री गेट पर हजारों लोग जमा थे, और स्टेडियम के पास स्थिति इतनी बिगड़ी कि कुछ लोग दीवार फांदने की कोशिश करने लगे। भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि कई गेट तोड़ दिए गए और भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए थे।
अब इस रिपोर्ट के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आयोजकों और संबंधित प्राधिकरणों के बीच बेहतर समन्वय और तैयारी की जाएगी।

