झारखंड में भी होगी जातीय जनगणना, सीएम ने दिए प्रस्ताव तैयार करने के आदेश

बिहार के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां जातीय जनगणना कराई जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि उनकी सरकार जातीय जनगणना कराने की पक्षधर है।

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  • Publish Date - February 18, 2024 / 11:48 AM IST

रांची, 18 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड (Jharkhand) की सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सीएम चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं। विभाग की ओर से तैयार किए जाने वाले प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले राज्य सरकार प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।

बिहार के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां जातीय जनगणना कराई जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि उनकी सरकार जातीय जनगणना कराने की पक्षधर है। राज्य की विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत दो विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार जातीय जनगणना के पक्ष में है। तब सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वह जातीय जनगणना कब कराएगी।

अब खुद को हेमंत पार्ट-टू बताने वाले चंपई सोरेन ने इस दिशा में पहल कर दी है। हाल में हेमंत सोरेन के कैबिनेट ने राज्य में लंबे समय से लंबित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी दी थी और पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष बनाया था। इस आयोग को राज्य में नगर निकायों में पिछड़ी जातियों का आरक्षण प्रतिशत तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने का जिम्मा सौंपा गया है।

शनिवार को प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा और पिछड़ों का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की। इसके बाद सीएम ने इसके लिए कार्मिक विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा।