ऑपरेशन भेड़िया पर सीएम योगी की नजर, बहराइच पहुंच पीड़ितों से मिले वन मंत्री

By : brijeshtiwari, Last Updated : August 28, 2024 | 7:52 pm

लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) (Yबहराइच में ऑपरेशन भेड़िया पर नजर बनाए हुए हैं। उनके निर्देश पर वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना बुधवार को बहराइच पहुंचे और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने यहां के कई गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि आमजन की सुरक्षा और भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम मुस्तैदी से जुटी है।

वन मंत्री उन गांवों में पहुंचे, जहां भेड़ियों ने आमजन पर हमला किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों और अन्य ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान को लेकर विभाग सजग है। तीन बचे भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम हरसंभव कोशिश कर रही है। वन विभाग सुरक्षा के लिए ड्रोन मैपिंग कर रहा है। साथ ही थर्मल ड्रोन से भी भेड़ियों को पकड़ने के लिए निगरानी जारी है। बीते दिनों चार मृतकों के आश्रितों को जिला प्रशासन की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि पहले ही दी जा चुकी है। शेष के परिजनों को जल्द ही राशि जारी की जाएगी।

वन मंत्री ने आमजन से अपील की कि किसी भी हाल में रात में बाहर न सोएं। बच्चों को साथ रखें। दरवाजे खुला न छोड़ें। जब तक भेड़िया न पकड़ा जाए, लाठी आदि लेकर झुंड में निकलें। वन मंत्री के साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) संजय श्रीवास्तव आदि भी मौके पर मौजूद रहे।

संजय श्रीवास्तव ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए 16 टीमें तैनात की गई हैं। यहां जिला स्तर के 12 अधिकारी भी कैंप कर रहे हैं। भेड़िया पकड़े जाने तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह यहां कैंप करती रहेंगी। डीएफओ बाराबंकी आकाश बधावन और डीएफओ नवीन प्रकाश भी ‘ऑपरेशन भेड़िया’ को सकुशल पूरा करने में जुटे हैं।

भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग सजग है। ड्रोन और थर्मल ड्रोन से मैप किया जा रहा है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से भेड़ियों को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए दो डॉक्टर भी बहराइच में टीम के साथ जुटे हैं।

बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां विभिन्न फंड के जरिए दरवाजे लगवाए जा रहे हैं। इसके लिए सीएसआर समेत अन्य फंड से पैसा दिया जा रहा है। गांवों में रात्रि गश्त की जा रही है। आमजन और महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा वर्कर्स की भी ड्यूटी लगाई गई है।