नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। नीट यूजी 2024 (Neet ug 2024) में हुई कथित अनियमितताओं के खिलाफ शुक्रवार 21 जून को कांग्रेस कार्यकर्ता व नेताओं ने दिल्ली, जयपुर, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई समेत विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन (Protest congress) किया। दरअसल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में देश भर के कांग्रेस नेताओं को एक पत्र लिखा था। इसमें विभिन्न राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों से कहा गया था कि न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करें।
दिल्ली विश्वविद्यालय में भी नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। शुक्रवार को यहां छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते हुए हाथों में काले झंडे लेकर सड़कों पर निकले।
शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचना था। डीयू में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली विश्वविद्यालय का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एनटीए ने छात्रों के भविष्य को खतरे में डाला है, और इस पूरे प्रकरण पर अभी तक शिक्षा मंत्री द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रदर्शन कर रहे आइसा के सदस्यों व डीयू के अन्य छात्रों ने यहां काले झंडे लहराए।
नीट परीक्षा में आई विसंगतियों पर कई छात्र संगठन अपना अपना विरोध जता रहे हैं। एनएसयूआई और लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) नीट परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि इसकी जिम्मेदारी लेते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
एनएसयूआई का कहना है कि उससे जुड़े छात्र इस विषय पर 180 से अधिक विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन करे रहे हैं। छात्र संगठनों ने परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर भी तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि नीट परीक्षा प्रक्रिया में कई अनियमितताओं और कदाचार के उदाहरण सामने आए हैं। उन्होने निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करने में एनटीए की अखंडता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। चौधरी ने नीट में घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहने पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस्तीफा देना चाहिए।
चौधरी ने कहा कि एनएसयूआई 21 जून, 2024 को 180 से अधिक विश्वविद्यालयों और 250 जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो एनएसयूआई अपना विरोध तेज करने के लिए 24 जून को संसद का घेराव करेगी।