उच्च जातियों के कड़े विरोध के बीच दलितों ने तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई मंदिर में किया प्रवेश
By : madhukar dubey, Last Updated : January 30, 2023 | 8:42 pm
गांव में 1,700 परिवार हैं, जिनमें से 500 दलित हैं और शेष विभिन्न जातियों से हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार, पोंगल त्योहार के बाद, 12 समुदायों द्वारा अनुष्ठान किए जाते हैं और प्रत्येक को अनुष्ठान करने के लिए एक दिन का समय दिया जाता है। मंदिर में दलितों के प्रवेश करने पर रोक लगा दी जाती है।
दलितों ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित जिला प्रशासन से अपील की, जिन्होंने गांव में एक शांति बैठक बुलाई, जहां यह निर्णय लिया गया कि किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने से रोकने का अधिकार नहीं है। जिला प्रशासन ने दलितों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी।
हालांकि, दलितों के मंदिर में प्रवेश को लेकर उच्च जाति के लोगों ने विरोध किया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मौके पर मौजूद 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की भारी पुलिस टुकड़ी के बीच, दलितों ने पहली बार मंदिर में प्रवेश किया।
इस अवसर पर तिरुवन्नमलाई जिला कलेक्टर बी. मुरुगेस्ट, और पुलिस अधीक्षक के. कार्तिकेयन उपस्थित रहे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया कि मंदिर में दलितों के प्रवेश को रोकने जैसी भेदभावपूर्ण प्रथा कानून के खिलाफ है और यह राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिर है। पुलिस व जिला प्रशासन ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया।