टीटीपी ने पेशावर मस्जिद हमले की जिम्मेदारी ली, मृतकों की संख्या 32 हुई
By : hashtagu, Last Updated : January 30, 2023 | 8:48 pm
पुलिस ने कहा कि विस्फोट में मस्जिद के इमाम साहिबजादा नूर उल अमीन की भी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, विस्फोट दोपहर करीब 1:40 बजे हुआ उस समय जुहर की नमाज अदा की जा रही थी। विस्फोट के समय पुलिस, सेना और बम निरोधक दस्ते के अधिकारी मस्जिद के अंदर मौजूद थे। इमारत का एक हिस्सा ढह गया है और विशेष रूप से नमाज के दौरान सामने की पंक्ति में खड़े लोगों के अभी भी नीचे दबे होने की आशंका है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह जल्द ही पेशावर के लिए रवाना होंगे। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस हमले की व्यापक रूप से निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा- पेशावर में पुलिस लाइन मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आतंकी आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। यह जरूरी है कि हम अपनी खुफिया जानकारी एकत्र करने में सुधार करें और आतंकवाद के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अपने पुलिस बलों को उचित रूप से सुसज्जित करें।
घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल ने नागरिकों से पीड़ितों के लिए रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) एजाज खान ने मीडिया को बताया कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी भी कई पुलिसकर्मी मलबे में फंसे हुए हैं। हम फिलहाल बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सीसीपीओ ने कहा, 300-400 के करीब पुलिसकर्मी आमतौर पर जुहर के समय नमाज अदा करते हैं। अगर पुलिस लाइंस के अंदर कोई विस्फोट हुआ है, तो यह सुरक्षा में चूक है, लेकिन मामले की जांच से और खुलासा हो सकता है। एक चश्मदीद ने मीडिया को बताया कि जब धमाका हुआ तो वह मस्जिद जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, यह शक्तिशाली विस्फोट था। विस्फोट के बाद हर जगह धुआं था।
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- घटना के समय मस्जिद के अंदर कम से कम 120 लोग मौजूद थे। यह एक आत्मघाती विस्फोट था हमलावर मस्जिद के भीतरी प्रांगण में था। जब यह हुआ तब जुहर की नमाज शुरू ही हुई थी। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे। पेशावर के सिविल सचिवालय संघ के अध्यक्ष, तस्सवुर इकबाल, जो नियमित रूप से मस्जिद में प्रार्थना करते हैं, उन्होंने कहा कि पुलिस लाइन्स क्षेत्र में सुरक्षा हमेशा उच्च होती है, और कोई भी अपनी पहचान और चेकिंग के बिना प्रवेश नहीं कर सकता है।
इकबाल ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह एक बड़ी मस्जिद है जहां एक बार में 400-500 लोग नमाज अदा कर सकते हैं। हम सुन रहे हैं कि विस्फोट के बाद इमारत ढह गई। पत्रकार कैसर ने बताया कि पुलिस लाइन पेशावर कैंट के सबसे संवेदनशील इलाके में है, जहां बड़ी संख्या में कानून प्रवर्तन और एफसी के कर्मचारी चौबीसों घंटे मौजूद रहते हैं। उन्होंने कहा, केपी के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) और पुलिस जांच विभाग के कार्यालय वहां स्थित हैं। आमतौर पर 1,000 पुलिसकर्मी पुलिस मुख्यालय में मौजूद होते हैं।
पत्रकार ने कहा कि इलाके के अंदर जाने के लिए दो पुलिस चौकियों पर रुकना पड़ता है। जियो न्यूज ने पत्रकार के हवाले से कहा, तीन बार जांच कराने के बाद हमलावर अंदर घुसने में सफल रहा। पेशावर आत्मघाती हमला पेशावर में पिछले साल से दूसरा बड़ा मस्जिद हमला है, इससे पहले कोचा रिसालदार इलाके में शिया मस्जिद में आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 63 लोगों की मौत हो गई थी।
पेशावर में हुए विनाशकारी आत्मघाती विस्फोट के बाद इस्लामाबाद की सुरक्षा भी हाई अलर्ट पर कर दी गई है।