चंडीगढ़ — DRDO ने मंगलवार को Terminal Ballistics Research Laboratory (TBRL), चंडीगढ़ के Rail Track Rocket Sled facility (RTRS) में लड़ाकू विमान के लिए विकसित एस्केप सिस्टम का हाई‑स्पीड रॉकेट‑स्लेड परीक्षण सफलता पूर्वक किया। परीक्षण 800 किलोमीटर प्रति घंटे की नियंत्रित रफ्तार पर हुआ, जिसमें canopy severance, ejection sequencing और एयरक्रू की पूरी रिकवरी की पुष्टि हुई।
इस परीक्षण में Aeronautical Development Agency (ADA) और Hindustan Aeronautics Limited (HAL) का भी सहयोग रहा। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस जटिल डायनेमिक परीक्षण के सफल होने से भारत उन कुछ देशों की ‘एलीट क्लब’ में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी एस्केप सिस्टम परीक्षण की उन्नत क्षमता है।
परीक्षण में लड़ाकू विमान वाले फ्रंट बॉडी (fore‑body of LCA प्रकार विमान) को रॉकेट मोटरों की मदद से dual‑sled सिस्टम पर तेज रफ्तार से आगे बढ़ाया गया। इसके साथ एक anthropomorphic test dummy का इस्तेमाल हुआ, जिसने पायलट की तरह व्यवहार करते हुए रिकवरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रदर्शित की।
इस सफलता पर रक्षा मंत्री Rajnath Singh और DRDO अध्यक्ष ने DRDO, HAL, ADA, भारतीय वायुसेना और अन्य साझेदारों की टीमों को बधाई दी। मंत्रालय ने इसे भारत की रक्षा स्वावलंबन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।