रांची, 22 मई (आईएएनएस)। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (Ed) को राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister Alamgir Alam) की और पांच दिन की रिमांड मिल गई है। इससे पहले गिरफ्तारी के बाद ईडी को उनसे पूछताछ के लिए छह दिन की रिमांड मिली थी। बुधवार को इसकी अवधि पूरी होने के बाद मंत्री को कड़ी सुरक्षा के बीच रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया
ईडी का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए और सात दिन की रिमांड का अनुरोध किया था, जिसका आरोपी मंत्री के अधिवक्ता ने विरोध किया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने पांच दिन के लिए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया।
ईडी ने उनके पीएस संजीव लाल के ठिकानों से 32 करोड़ 20 लाख रुपये नकद की बरामदगी के मामले में मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई की शाम गिरफ्तार किया था। इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी।
इस मामले में मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 7 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
ईडी ने अदालत को बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी और मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे।