भारत में अत्यधिक गरीबी 5.3% पर सिमटी, पहले थी 27.1% – वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट में खुलासा

By : hashtagu, Last Updated : June 7, 2025 | 12:20 pm

नई दिल्ली – भारत ने पिछले एक दशक में अत्यधिक गरीबी (extreme poverty) को कम करने के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-23 में देश की अत्यधिक गरीबी दर घटकर 5.3% रह गई है, जो कि 2011-12 में 27.1% थी। यह गिरावट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों और योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाती है।

साल 2011-12 में जहां देश में लगभग 34.44 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी में जीवन बिता रहे थे, वहीं 2022-23 में यह संख्या घटकर सिर्फ 7.52 करोड़ रह गई। यानी करीब 26.9 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलने में सफल हुए। यह बदलाव ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में समान रूप से देखने को मिला है।

रिपोर्ट बताती है कि 2011-12 में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश देश की अत्यधिक गरीब आबादी का 65% हिस्सा रखते थे, लेकिन 2022-23 तक इन्हीं राज्यों ने गरीबी घटाने में दो-तिहाई योगदान दिया।

वर्ल्ड बैंक ने अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा के अनुसार $3.00 प्रतिदिन (2021 की कीमतों पर) को आधार बनाया। पुराने मानक $2.15 प्रतिदिन (2017 की कीमतों पर) के अनुसार, भारत में अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की हिस्सेदारी अब केवल 2.3% है, जो 2011-12 में 16.2% थी। इस मापदंड पर, गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या घटकर 3.36 करोड़ रह गई है, जबकि 2011 में यह संख्या 20.59 करोड़ थी।

गांवों में यह गिरावट 18.4% से घटकर 2.8% तक आ गई है, जबकि शहरों में यह दर 10.7% से घटकर 1.1% हो गई है। यानी सुधार पूरे देश में संतुलित रूप से हुआ है।

केवल आय पर आधारित गरीबी ही नहीं, बल्कि बहुआयामी गरीबी में भी भारत ने बड़ी प्रगति की है। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के अनुसार, 2005-06 में जहां 53.8% आबादी बहुआयामी गरीबी में थी, वहीं यह आंकड़ा 2019-21 में घटकर 16.4% और 2022-23 में 15.5% हो गया।

सरकार की कई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलें इस बदलाव की मुख्य वजह रहीं। इन योजनाओं ने गरीबों तक मकान, स्वच्छ ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मदद की। साथ ही, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण ढांचा जैसे प्रयासों ने लाभार्थियों तक तेज़ और पारदर्शी तरीके से मदद पहुंचाई, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली।

वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने 11 साल पूरे कर चुकी है और प्रधानमंत्री मोदी देश की गरीबी उन्मूलन नीतियों को एक प्रेरणादायक उपलब्धि के रूप में पेश कर रहे हैं।