गौतम अडाणी महाकुंभ में पहुंचे, इस्कॉन भंडारे में भोजन बनाया, बांटा और खाया

गौतम अडाणी ने कहा, "यहां आकर मैं बहुत उत्साहित हूं। इस पवित्र स्थान पर आकर मन को शांति और संतोष मिला है।" उनका यह अनुभव महाकुंभ के माहौल को और भी अद्वितीय बना गया।

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 02:51 PM IST

महाकुंभ के 9वें दिन बिजनेसमैन गौतम अडाणी (Gautam Adani) अपनी पत्नी प्रीति अडाणी के साथ इलाहाबाद पहुंचे। यहां उन्होंने इस्कॉन मंदिर के भंडारे में भाग लिया और संगम घाट पर पूजा अर्चना की। अडाणी परिवार के इस आध्यात्मिक यात्रा ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच उत्साह का माहौल पैदा किया।

गौतम अडाणी ने इस्कॉन के शिविर में भगवान कृष्ण की आरती में भाग लिया और फिर रसोई में जाकर स्वयं प्रसाद तैयार किया। इस्कॉन और अडाणी ग्रुप द्वारा महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की शुरुआत की गई थी। अडाणी ने भंडारे में दाल, सोयाबीन और आलू की सब्जी, रोटी, पूड़ी और हलवा परोसा और खुद भी वही भोजन किया। इस आयोजन ने इस्कॉन के सेवा कार्यों को एक नया आयाम दिया, जहां श्रद्धालुओं को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिला।

गौतम अडाणी ने कहा, “यहां आकर मैं बहुत उत्साहित हूं। इस पवित्र स्थान पर आकर मन को शांति और संतोष मिला है।” उनका यह अनुभव महाकुंभ के माहौल को और भी अद्वितीय बना गया। इसके अलावा, अडाणी ने संगम और लेटे हनुमान जी मंदिर जाने का भी निर्णय लिया।

महाकुंभ के इस समृद्ध आयोजन में, 1 फरवरी को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आने वाले हैं। 9 दिन में ही 27.41 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है और अब तक कुल 9 करोड़ से ज्यादा लोग महाकुंभ में शामिल हो चुके हैं।

महाकुंभ में सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। आतंकी खतरे को ध्यान में रखते हुए, यूपी ATS ने गंगाजल की जांच की प्रक्रिया को अपनी निगरानी में शुरू कर दिया है। पहले से ही संगम पर पानी की रोजाना जांच होती रही है, लेकिन अब ATS और डॉक्टरों की टीम भी इसमें शामिल हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को और सख्त किया जा रहा है।

अडाणी और इस्कॉन की भंडारे सेवा 26 फरवरी तक जारी रहेगी। यह सेवा महाकुंभ के पूरे अवधि में श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेगी, जिससे उन्हें शुद्ध और पोषक आहार मिल सके।

गौतम अडाणी का महाकुंभ दौरा न केवल धार्मिक अनुष्ठानों को सम्मानित करता है, बल्कि यह उनके सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान को भी दर्शाता है। उनके साथ अमन सिंह भी उपस्थित थे।