नई दिल्ली, 5 फरवरी 2025 – उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के बेटे जीत अडानी, जो 7 फरवरी (शुक्रवार) को दिवा जैमिन शाह से शादी करने जा रहे हैं, ने आज यह जानकारी दी कि यह जोड़ा हर साल 500 दिव्यांग महिलाओं के विवाह के लिए प्रत्येक महिला को ₹10 लाख का योगदान देने का संकल्प ले चुका है।
गौतम अडानी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “जीत और दिवा ने अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत एक पुण्य संकल्प के साथ की है। उन्होंने ‘मंगल सेवा’ के तहत हर साल 500 दिव्यांग बहनों की शादी के लिए ₹10 लाख का योगदान देने का संकल्प लिया है। एक पिता के रूप में यह वचन मुझे अत्यधिक संतोष प्रदान करता है। मुझे विश्वास है कि यह पहल दिव्यांग बेटियों और उनके परिवारों को खुशी, सम्मान और गरिमा से भरपूर जीवन जीने में मदद करेगी।”
गौतम अडानी ने आगे कहा, “मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि जीत और दिवा को इस पथ पर निरंतर आगे बढ़ने का आशीर्वाद और सामर्थ्य मिले।”
जीत अडानी (27 वर्ष) जिन्होंने 2019 में अडानी समूह से जुड़कर अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स – भारत की सबसे बड़ी एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी, जो आठ एयरपोर्ट्स का प्रबंधन और विकास कर रही है, के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। वह अडानी समूह के रक्षा, पेट्रोकैमिकल्स और तांबा व्यापारों का संचालन भी करते हैं। इसके अलावा, वह समूह के डिजिटल परिवर्तन के लिए भी जिम्मेदार हैं।
दिव्यांगों के अधिकार हमेशा जीत अडानी के दिल के करीब रहे हैं। हाल ही में, शार्क टैंक इंडिया में एक उपस्थिति के दौरान, उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रसिद्ध टीवी शो में एक एपिसोड दिव्यांग उद्यमियों और दिव्यांगों के लिए काम करने वालों पर आधारित होना चाहिए। पीपल ग्रुप और शादी डॉट कॉम के संस्थापक अनूपम मित्तल ने इस विचार का समर्थन किया और इसके बाद “दिव्यांग स्पेशल” एपिसोड की घोषणा की गई। शो के दौरान जीत अडानी ने कहा कि अडानी समूह ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी कार्यबल का करीब 5 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्तियों से बना हो।
जीत अडानी ने इस पहल के लिए प्रेरणा के बारे में बताते हुए कहा, “जब मैं मिट्टी कैफे (जो भारत भर में दिव्यांगों को रोजगार देने वाला एक कैफे चेन है) के उद्घाटन पर गया था, तो उनके कर्मचारियों की मुस्कान, चमक और सहानुभूति ने मुझे बहुत प्रभावित किया। यह देखकर मुझे एहसास हुआ कि दिव्यांग व्यक्तियों को हर चुनौती के बावजूद समाज में बराबरी का स्थान मिल सकता है।”
जीत अडानी को अपनी मां प्रिति अडानी से भी प्रेरणा मिली हैं, जिन्होंने अडानी फाउंडेशन को गुजरात के मुण्डरा में एक छोटे ग्रामीण प्रोजेक्ट से एक बड़े परिवर्तनकारी संगठन में तब्दील कर दिया।
आज, जीत अडानी ने 21 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं और उनके पतियों से मुलाकात की और इस पहल की शुरुआत की।
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मेरा बेटा जीत और बहू दिवा अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत एक पुण्य संकल्प से कर रहे हैं।
जीत और दिवा ने प्रति वर्ष 500 दिव्यांग बहनों के विवाह में प्रत्येक बहन के लिए 10 लाख का आर्थिक सहयोग कर ‘मंगल सेवा’ का संकल्प लिया है।
एक पिता के रूप में यह ‘मंगल… pic.twitter.com/tKuW2zPCUE
— Gautam Adani (@gautam_adani) February 5, 2025