9 से 14 मई तक 32 हवाई अड्डों पर आम उड़ानें बंद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र बड़ा फैसला
By : hashtagu, Last Updated : May 10, 2025 | 11:50 am

नई दिल्ली। देश की हवाई सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने एक बड़ा कदम उठाया है। 9 मई से लेकर 14 मई 2025 तक देश के कुल 32 हवाई अड्डों पर आम नागरिक उड़ानों को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
AAI ने इसके लिए ‘नोटिस टू एयरमैन (NOTAM)’ जारी किया है, जिसमें उत्तर और पश्चिम भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के हवाई अड्डों को प्राथमिकता दी गई है। इसमें पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य प्रमुख हैं। सूत्रों का मानना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य गतिविधियों या विशेष एयरस्पेस ऑपरेशनों के तहत लिया गया है।
बंद किए गए हवाई अड्डों की सूची:
इस निर्णय से प्रभावित प्रमुख हवाई अड्डों में अमृतसर, अवंतीपुर, पठानकोट, श्रीनगर, लेह, जैसलमेर, जोधपुर, भुज, चंडीगढ़, हिंडन, जम्मू, बठिंडा, अंबाला, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, लुधियाना, राजकोट (हीरासर), पोरबंदर, मुंद्रा, कांडला, नलिया, हलवारा, सरसावा, उत्तरलाई समेत अन्य एयरपोर्ट शामिल हैं।
हवाई मार्ग भी बंद:
सिर्फ हवाई अड्डे ही नहीं, बल्कि दिल्ली और मुंबई फ्लाइट इनफॉर्मेशन रीजन (FIR) के तहत आने वाले 25 प्रमुख हवाई मार्गों पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। NOTAM G0555/25 के अनुसार, ये हवाई मार्ग 15 मई की सुबह 5:29 IST तक पूरी तरह बंद रहेंगे। यह बंदी जमीन से लेकर ऊँचाई की कोई सीमा न रखते हुए लागू की गई है।
इसका सीधा असर उन लंबी दूरी की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ेगा, जो उत्तर और पश्चिम भारत से होकर गुजरती हैं। विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम “उच्चस्तरीय सैन्य गतिविधियों, सामरिक अभ्यास, या संवेदनशील हवाई संचालन” की तैयारी का संकेत हो सकता है।
सुरक्षा प्राथमिकता में सबसे आगे
गौरतलब है कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान में सीमा पर बढ़े तनाव और ड्रोन गतिविधियों की पृष्ठभूमि में यह निर्णय आया है। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि एयरस्पेस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह अस्थायी उड़ान प्रतिबंध लगाया गया है।
सरकार और नागरिकों से संयम की अपील
इस पूरे घटनाक्रम में सरकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और एयरलाइनों के बीच लगातार समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता है। वहीं, यात्रियों और आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस असुविधा को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में जरूरी कदम मानते हुए संयम और सहयोग का परिचय दें।