ग्रीस को भारत से विश्व शांति और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनके यूनानी समकक्ष क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने बुधवार शाम भू-राजनीति

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  • Updated On - February 22, 2024 / 06:01 PM IST

नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनके यूनानी समकक्ष क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने बुधवार शाम भू-राजनीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर देश के प्रमुख सम्मेलन रायसीना डायलॉग का उद्घाटन किया। यूनानी प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उदय और जी20 के केंद्र में एक बढ़ती ताकत के रूप में इसकी स्थिति के कारण भारत शांति, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रयासों में एक प्रमुख सहयोगी बन गया है।

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डी लेयर के इस दावे पर कि यूरोपीय संघ को भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करनी चाहिए, क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने कहा कि एक मजबूत यूरोपीय संघ-भारत साझेदारी (EU-India partnership) वास्तव में यूरोप की विदेश नीति की आधारशिला होनी चाहिए।

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि ग्रीस और भारत के बीच बढ़ते संबंध स्वाभाविक हैं, यह देखते हुए कि दोनों देश “भविष्य की चुनौतियों के बारे में सोचते हैं और अवसरों पर सोच-समझकर फैसला करते हैं”।
  • उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत विदेशों में अपनी पहुंच मजबूत कर रहा है, ग्रीस एक अनुकूल गंतव्य के रूप में उभरा है। सभ्यतागत राज्यों के रूप में विश्व व्यवस्था के विकास में योगदान की दोनों देशों की जिम्मेदारी है।
  • सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के अध्यक्ष डॉ. समीर सरन ने वर्तमान को “अशांति का युग” बताया, जो संघर्षों और प्रतियोगिताओं से ग्रस्त है। उन्होंने कहा, इस विभाजित समय के बावजूद, सहयोग संभव है और सर्वसम्मति बनाने वाले देश के रूप में भारत का प्रदर्शन अनुकरणीय रहा है।

शुक्रवार 23 फरवरी तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग 2024 में 100 से अधिक सत्र होंगे, जिसमें पैनल चर्चा, गोलमेज सम्मेलन, रायसीना फायरसाइड्स और संबंधित कार्यक्रम शामिल होंगे।

इस वर्ष रायसीना डायलॉग में 120 देशों के लगभग तीन हजार प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। उनमें सेवारत और पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री और कानून निर्माता, राजनयिक, नीति नियोजक, सैन्य नेता, बहुपक्षीय संस्थानों के प्रमुख, व्यापार प्रमुख और प्रख्यात विचारक शामिल हैं।

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