Grok 3 बजट विश्लेषण: तेलंगाना 2025-26 की वित्तीय योजना पर AI चैटबॉट की रेटिंग

इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, Grok 3 ने तेलंगाना बजट को 6.5/10 की रेटिंग दी। AI ने यह भी कहा कि यदि सरकार राजस्व लक्ष्यों को पूरा करती है और योजनाओं को कुशलता से लागू करती है, तो स्कोर 8 तक बढ़ सकता है।

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  • Publish Date - March 19, 2025 / 01:55 PM IST

हैदराबाद, 19 मार्च 2025: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) (Artificial Intelligence) अब केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं रह गई है, बल्कि यह राजनीति और अर्थशास्त्र में जनमत को प्रभावित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गई है। एलन मस्क द्वारा विकसित AI चैटबॉट Grok 3 ने अब तेलंगाना बजट 2025-26 का विश्लेषण किया और 6.5/10 की रेटिंग दी, जिससे राजनीतिक और आर्थिक हलकों में चर्चाएं तेज़ हो गईं।

तेलंगाना सरकार ने ₹3,04,965 करोड़ का बजट पेश किया, जिसका उद्देश्य $200 बिलियन की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन तक पहुंचाना है। कृषि, शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों के लिए बड़े पैमाने पर धन आवंटित किया गया, साथ ही सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया। रंगारेड्डी और महबूबनगर जिलों में ग्रीनफील्ड औद्योगिक क्लस्टर के साथ Mega Master Plan 2050 की घोषणा बजट में भविष्य की दिशा को दर्शाती है।

Grok 3 के विश्लेषण के अनुसार, यह बजट कल्याणकारी योजनाओं को और मजबूत करने वाला है। ₹24,439 करोड़ कृषि, ₹23,108 करोड़ शिक्षा और ₹31,605 करोड़ ग्रामीण विकास के लिए आवंटित किए गए हैं, जिससे लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की स्पष्ट झलक मिलती है। गृहज्योति योजना के तहत मुफ्त बिजली और किसानों के ऋण माफ़ी जैसी योजनाएं सामाजिक न्याय को और सशक्त बनाएंगी। ₹36,504 करोड़ की पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) को प्राथमिकता देना दीर्घकालिक विकास के लिए लाभकारी माना गया है।

हालांकि, Grok 3 ने कुछ वित्तीय चिंताओं को भी उजागर किया। तेलंगाना का कर्ज ₹6.71 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें पिछले वर्ष ही ₹1.60 लाख करोड़ की वृद्धि हुई। बजट का 52% हिस्सा वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान में ही खर्च हो जाता है, जिससे सरकार के पास खर्चों को समायोजित करने की ज्यादा गुंजाइश नहीं बचती। AI ने यह भी बताया कि तेलंगाना सरकार ऐतिहासिक रूप से अपने राजस्व अनुमानों को 21% तक कम प्राप्त करती रही है, जिससे बजट का संतुलन बनाए रखना कठिन हो सकता है। रंगारेड्डी और महबूबनगर औद्योगिक क्लस्टर, मूसी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट जैसी बड़ी योजनाओं में देरी की संभावना जताई गई। साथ ही, $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ठोस वित्तीय योजना का अभाव भी एक प्रमुख चिंता का विषय बताया गया।

इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, Grok 3 ने तेलंगाना बजट को 6.5/10 की रेटिंग दी। AI ने यह भी कहा कि यदि सरकार राजस्व लक्ष्यों को पूरा करती है और योजनाओं को कुशलता से लागू करती है, तो स्कोर 8 तक बढ़ सकता है। लेकिन, अगर कर्ज़ का बोझ बढ़ता है या योजनाएं विफल होती हैं, तो रेटिंग 5 तक गिर सकती है। यह AI विश्लेषण जनता को तथ्य आधारित और निष्पक्ष रूप से बजट को समझने में मदद करता है।

जब बजट पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया, तो Grok 3 ने बताया कि यह बजट पेश किए जाने के कुछ घंटों के भीतर ही बहस का केंद्र बन गया। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इसे “ऐतिहासिक प्रजा बजट” करार दिया, यह दावा करते हुए कि यह तेलंगाना को एक दशक के अंधेरे के बाद विकास की दिशा में ले जाएगा। ₹24,439 करोड़ कृषि, ₹40,232 करोड़ अनुसूचित जाति और ₹3,527 करोड़ औद्योगिक क्षेत्र को आवंटित करने की व्यापक सराहना की जा रही है। Google की भागीदारी के साथ AI City परियोजना को लेकर लोगों में उत्साह है। ₹20,616 करोड़ की किसान ऋण माफी से 25.35 लाख किसानों को लाभ मिलेगा, जबकि महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना से ₹2,351 करोड़ की बचत होने का अनुमान है। 2035 तक $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को लेकर शहरी वर्ग में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

हालांकि, इस बजट की आलोचना भी हो रही है। भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) के नेता, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, इस बजट की निंदा कर सकते हैं। BRS समर्थकों ने पहले ही सोशल मीडिया पर इसे “रायतु बंधु योजना की नकल” बताते हुए कांग्रेस पर नवीन नामकरण के तहत पुरानी योजनाओं को फिर से पेश करने का आरोप लगाया। वे राजस्व अनुमानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि तेलंगाना सरकार का पिछला रिकॉर्ड अनुमानों से 21% कम राजस्व प्राप्त करने का रहा है।

साथ ही, कुछ नागरिकों ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए ₹21,221 करोड़ के आवंटन के बावजूद जारी बिजली कटौती को लेकर सवाल उठाए हैं। सरकार द्वारा घोषित “इलेक्ट्रिसिटी एंबुलेंस सेवा” को कई लोग केवल एक प्रचार रणनीति मान रहे हैं। वित्तीय विश्लेषकों ने यह भी चिंता जताई कि बजट में 52% राशि केवल वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान में ही समाप्त हो जाएगी, जिससे राज्य के पास नई योजनाओं के लिए सीमित धन बचता है।

जनता की प्रतिक्रिया तेलंगाना की विभाजित राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है। कांग्रेस समर्थक इस बजट को चुनावी वादों की पूर्ति के रूप में देख रहे हैं। AI City परियोजना, द्वितीय श्रेणी के शहरों का विकास (वारंगल, निजामाबाद, खम्मम) और औद्योगिक विस्तार को लेकर शहरी मध्यम वर्ग उत्साहित है, जबकि ग्रामीण वर्ग अभी भी बजट के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रहा है।

जैसे-जैसे इस पर विस्तृत बहसें विधानमंडल में होंगी और विशेषज्ञों की विस्तृत समीक्षाएं सामने आएंगी, बजट की वास्तविक प्रभावशीलता स्पष्ट होगी। यह बजट वास्तव में तेलंगाना को विकास के पथ पर ले जाएगा या आर्थिक संकट की ओर धकेलेगा, यह भविष्य में सामने आएगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है—Grok 3 अब केवल एक AI चैटबॉट नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के विश्लेषण में एक नया युग शुरू कर चुका है।