महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के बाद लू से 11 की मौत
By : hashtagu, Last Updated : April 17, 2023 | 10:21 am
सोमवार तड़के, एनसीपी के विपक्ष के नेता अजीत पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व कांग्रेस के नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया और मरीजों से बातचीत की।
पवार ने कहा, पीड़ितों से चर्चा के बाद ऐसा लगता है कि कार्यक्रम के बाद भगदड़ मची थी।
ठाकरे ने कहा कि समारोह, मूल रूप से शाम 5 बजे निर्धारित किया गया था। लेकिन बाद में इसे रविवार सुबह 10.30 बजे तय किया गया और निर्दोष लोगों की जान चली गई।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह सबसे असंवेदनशील सरकार है। उन्होंने इस त्रासदी के लिए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि यह एक सरकारी समारोह था और इसलिए सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य था।
लोंढे ने मांग की,मामले में सरकार पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति शर्मा-मेनन ने भारी जनहानि पर दुख व्यक्त किया।
लोगों ने सवाल किया कि 13 करोड़ रुपये के मेगा-इवेंट के आयोजन से पहले हीट फैक्टर को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया। वक्ताओं ने लंबा भाषण दिया औैर लोग चिलचिलाती धूप में बैठे रहे।
लोंढे ने गर्मी के मौसम में खुले मैदान में इस तरह के बड़े आयोजन को लापरवाही करार दिया।
अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान अप्पासाहेब धर्माधिकारी के प्रति सम्मान दिखाने के लिए 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में धैर्यपूर्वक बैठने के लिए लोगों की सराहना की थी।
आयोजकों ने दावा किया था कि लगभग 20 लाख लोगों ने मेगा-इवेंट में भाग लिया। अप्पासाहेब धर्माधिकारी के शिष्य मुख्यमंत्री शिंदे ने गर्व से घोषणा की थी कि कैसे सभा ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
बहु प्रचारित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग 14 अप्रैल से कोंकण और राज्य के अन्य हिस्सों से बसों, ट्रकों या नावों से मुंबई आ रहे थे।
रविवार दोपहर करीब तीन घंटे तक चले समारोह में कई लोगों को भीषण गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ, टोपी, छाता, रुमाल, दुपट्टा आदि का सहारा लेते देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने नेताओं से त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की।
‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद, अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी।