‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ कैसे बदल रही किसानों की जिंदगी?

By : hashtagu, Last Updated : February 29, 2024 | 2:32 pm

नई दिल्ली, 29 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2 फरवरी, 2019 को किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) शुरू की।

यह योजना देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय सहायता सुनिश्चित करने और उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और टिकाऊ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। निश्चित रूप से, यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में बदलाव ला रही है जो अब अधिक खुशहाल हैं।

  • गौरतलब है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है। योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये का लाभ प्रदान किया जाता है।
  • आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करके प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के जरिए लाभ राशि सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है।
  • केंद्र सरकार इस योजना के लिए 100 प्रतिशत धन मुहैया कराती है। योजना की समावेशी प्रकृति को रेखांकित करने वाली बात यह है कि चार लाभार्थियों में से कम से कम एक महिला किसान है। इसके अलावा, 85 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसान इस योजना के तहत लाभार्थी हैं।

कहने की जरूरत नहीं कि पहले पांच वर्षों में इस योजना ने कई मील के पत्थर पार किए हैं और अपनी व्यापक दृष्टि, पैमाने और पात्र किसानों के खातों में सीधे धन के निर्बाध हस्तांतरण के लिए विश्‍व बैंक सहित विभिन्न संगठनों से प्रशंसा प्राप्त की है।

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पीएम-किसान के तहत लाभ अधिकांश किसानों तक पहुंचा, जिन्हें बिना किसी रिसाव के पूरी राशि प्राप्त हुई।

उसी अध्ययन के अनुसार, पीएम-किसान के तहत नकद हस्तांतरण प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा कृषि उपकरण, बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने में निवेश करने की अधिक संभावना थी।

पीआईबी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना को अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ देशभर के सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के पहुंचे।

  • पीएम-किसान पोर्टल को यूआईडीएआई, पीएफएमएस, एनपीसीआई और आयकर विभाग के पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है। किसानों को त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और अन्य सभी हितधारक पीएम-किसान मंच पर शामिल हैं।

जबकि किसान पीएम-किसान पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और मुद्दों के प्रभावी और समय पर समाधान के लिए 24×7 कॉल सुविधा की मदद ले सकते हैं। सरकार ने ‘किसान ई-मित्र’ (एक आवाज-आधारित एआई चैटबॉट) भी विकसित किया है, जो किसानों को वास्तविक समय में अपनी भाषा में सवाल पूछने और उनका समाधान करने में सक्षम बनाता है।

किसान-ए-मित्र अब 10 भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, तमिल, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू और मराठी में उपलब्ध है।

पीएम-किसान योजना से संबंधित ग्राम-स्तर पर किसानों की समस्या के समाधान के लिए देशभर के सभी गांवों में ग्राम-स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। पीएम-किसान योजना के साथ इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के जुड़ने से लाभार्थियों के आधार बैंक खाते बिना किसी परेशानी के उनकी सुविधा और दरवाजे पर खोलने की सुविधा मिली है।

हाल ही में, विकसित भारत संकल्प यात्रा के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना से संतृप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।

अभियान के दौरान छह लाख पीवीटीजी किसानों सहित 90 लाख से अधिक पात्र किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत शामिल किया गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना से 16वीं किस्त की राशि के साथ 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

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