नागरिकता संशोधन नियमों पर रोक लगाने के लिए आईयूएमएल ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Iuml) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नियमों के कार्यान्वयन पर....

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  • Updated On - March 12, 2024 / 01:20 PM IST

नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस) इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Iuml) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका (Petition in Supreme Court) दायर की है।

याचिका में, आयूएमल ने कहा कि नागरिकता संशोधन नियम, 2024 मनमाने हैं और केवल धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग के पक्ष में अनुचित लाभ पैदा करते हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है।

इसमें कहा गया है कि सीएए के प्रावधानों को चुनौती देने वाली लगभग 250 याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं और यदि सीएए को असंवैधानिक माना जाता है, तो एक असामान्य स्थिति उत्पन्न होगी। जिन लोगों को लागू अधिनियम और नियमों के तहत नागरिकता मिल गई होगी, उनकी नागरिकता छीननी होगी।

“इसलिए, सीएए और लागू नियमों के कार्यान्वयन को तब तक के लिए स्थगित करना, प्रत्येक व्यक्ति के सर्वोत्तम हित में है, जब तक कि न्यायालय मामले का फैसला नहीं कर देता। ”

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करता है जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए थे।

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