सूर्य कांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, जानें 10 अहम तथ्य
By : dineshakula, Last Updated : November 24, 2025 | 2:04 pm
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सूर्य कांत (Surya Kant) ने सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवाई का स्थान ग्रहण किया है और लगभग 15 महीने तक इस पद पर कार्य करेंगे।
सूर्य कांत के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य:
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सूर्य कांत 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में जन्मे। वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं।
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उन्होंने 1981 में सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज, हिसार से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
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1984 में उन्होंने हिसार जिला न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की और 1985 में चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने लगे।
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वर्ष 2000 में वे हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडकवोकेट जनरल बने।
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उन्होंने 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स किया और ‘फर्स्ट क्लास फर्स्ट’ स्थान प्राप्त किया।
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2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
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2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने और कई अहम फैसलों में शामिल रहे, जैसे गवर्नर और राष्ट्रपति के अधिकारों पर हालिया राष्ट्रपति संदर्भ, और उपनिवेश कालीन देशद्रोह कानून को निलंबित करना।
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उन्होंने चुनाव आयोग से बिहार में 65 लाख वोटरों की ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं होने की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा और महिला सरपंच के अवैध हटाए जाने पर बेंच का नेतृत्व किया।
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उन्होंने बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों के आरक्षण का निर्देश दिया और प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की।
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वे वन रैंक-वन पेंशन योजना को संविधानसंगत ठहराने वाले बेंच का हिस्सा रहे और पेगासस स्पाइवेयर मामले में साइबर विशेषज्ञ पैनल नियुक्त करने वाली बेंच में शामिल थे।
सूर्य कांत 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होंगे। उनकी कार्यशैली और महत्वपूर्ण फैसले भारतीय न्यायिक इतिहास में लंबी छाप छोड़ चुके हैं।



