सातारा, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सातारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस उपनिरीक्षक (SI) गोपाल बदने पर चार महीने में चार बार बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए, महिला ने अपनी आत्महत्या के कारणों का जिक्र अपनी हथेली पर लिखे नोट में किया। इस घटना से पूरे राज्य में हंगामा मच गया है और राजनीतिक विवाद भी उत्पन्न हो गया है।
महिला डॉक्टर ने अपने बाएं हाथ की हथेली पर एक नोट लिखा, जिसमें उसने गोपाल बदने पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने कहा कि बदने का लगातार उत्पीड़न और अत्याचार उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। साथ ही, पुलिस अधिकारी प्रशांत बंकर पर भी मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया।
नोट में महिला ने कहा, “पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने ही मेरी मौत का कारण हैं। उन्होंने मुझे चार बार बलात्कार किया और पांच महीने तक मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया।”
यह डॉक्टर फाल्टन उप-जिला अस्पताल में मेडिकल अधिकारी के रूप में कार्यरत थी और उसने जून 19 को फाल्टन के उप पुलिस अधीक्षक (DSP) को एक पत्र लिखकर इसी मामले की शिकायत की थी। उस पत्र में उसने पुलिस विभाग के दो अधिकारियों, गोपाल बदने और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
महिला ने पत्र में यह भी लिखा था कि वह अत्यधिक मानसिक दबाव में है और इस गंभीर मामले की जांच की अपील की थी।
महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने शुक्रवार को राज्य में राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने महायुति सरकार पर हमला करते हुए कहा, “जब रक्षक ही शिकार बन जाए! पुलिस का कर्तव्य सुरक्षा देना है, लेकिन अगर वही महिला डॉक्टर का शोषण कर रहे हैं, तो न्याय कैसे मिलेगा? इस लड़की की पहले की शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?”
भा.ज.पा. (BJP) की महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ ने इस मामले की पूरी जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, और हम इसकी गहरी जांच करेंगे। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता आनंद परांजपे ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और हम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कड़ी कार्रवाई करेंगे। महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।”
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है और पुलिस को महिला डॉक्टर की शिकायत पर कार्रवाई में ढिलाई के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है।