मोदी सरकार बेपरवाह है, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर जाने की अनुमति देनी चाहिए: खड़गे

By : hashtagu, Last Updated : June 18, 2023 | 9:04 pm

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| मणिपुर में हिंसा (Violence in Manipur) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार बेपरवाह है। उन्होंने केंद्र से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने की अनुमति देने के लिए भी कहा।

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा, नरेंद्र मोदी जी, आपकी ‘मन की बात’ में पहले ‘मणिपुर की बात’ शामिल होनी चाहिए थी, लेकिन व्यर्थ। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य में स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा, आपने एक शब्द नहीं बोला है। आपने एक भी बैठक की अध्यक्षता नहीं की है। आप अभी तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले हैं। ऐसा लगता है कि आपकी सरकार मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। यह अस्वीकार्य है।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा, एक तरफ राज्य जल रहा है और दूसरी तरफ आपकी सरकार बेपरवाह सो रही है। राज धर्म का पालन करें। शांति भंग करने वाले सभी तत्वों पर ²ढ़ता से काम करें। नागरिक समूहों को विश्वास में लेकर सामान्य स्थिति बहाल करें। एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य का दौरा करने दें।

प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, तो मणिपुर पर एक और मन की बात लेकिन मौन। पीएम ने आपदा प्रबंधन में भारत की महान क्षमताओं के लिए खुद की पीठ थपथपाई। पूरी तरह से मानव निर्मित का क्या? (वास्तव में आत्म-प्रवृत्त) मानवीय आपदा जिसका मणिपुर सामना कर रहा है।

रमेश ने कहा, अभी भी उनकी ओर से शांति की अपील नहीं की गई है। एक गैर-लेखापरीक्षा योग्य पीएम-केयर्स फंड है, लेकिन क्या पीएम मणिपुर की केयर भी करते हैं, यह असली सवाल है। कांग्रेस नेताओं की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मन की बात के दौरान एक बार फिर मणिपुर पर चुप्पी बनाए रखने के बाद आई है।लगभग 50 दिनों से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है, जहां 3 मई से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

रविवार को अपने मासिक मन की बात रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन की जो ताकत भारत ने वर्षों से विकसित की है, वह आज मिसाल बन रही है।

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