कडप्पा (आंध्र प्रदेश), 16 अप्रैल (आईएएनएस)| कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी (Kadapa MP Y.S. Avinash Reddy), जिनके पिता वाई.एस. भास्कर रेड्डी को रविवार को सीबीआई ने पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी (Y.S. Vivekananda Reddy) हत्याकांड में संलिप्ता के आरोप में गिरफ्तार किया, ने दावा किया कि कुछ अहम तथ्यों को नजरअंदाज कर सीबीआई उन्हें आरोपी के तौर पर पेश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि विवेकानंद रेड्डी के दामाद को हत्या के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं किया। सांसद ने दावा किया कि सीबीआई ने मारे गए नेता के दामाद से जानकारी छुपाने के बारे में पूछताछ नहीं की।
अविनाश रेड्डी अपने पिता की गिरफ्तारी के बारे में जानने के बाद हैदराबाद से कडपा पहुंचे। उन्होंने कहा कि जांच तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए न कि व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई के नए जांच अधिकारी वही कर रहे हैं जो पहले अधिकारी करते थे। उन्होंने कहा कि वे इसे पहले ही उच्चाधिकारियों के संज्ञान में ला चुके हैं।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद, जो मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं, उन्होंने कहा, हालांकि दस्तागिरि (मामले के आरोपियों में से एक शेख दस्तागिरि) ने विवेकानंद रेड्डी की हत्या की, सीबीआई अधिकारियों ने उसे गवाह बनाया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया।
लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने दस्तागिरि या चौकीदार रंगन्ना के बयान पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई अधिकारी और विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता जांच को एक खास दिशा में ले जा रहे हैं।उन्होंने कहा, “हम अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। हम किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।”
कडप्पा के सांसद ने कहा कि मामले में सच्चाई और न्याय की जीत होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से तथ्यों को नजरअंदाज कर और छोटी-छोटी बातों को महत्व देकर सीबीआई इस स्तर तक गिर गई है।
अविनाश रेड्डी ने दावा किया कि सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी के घर से स्टांप पेपर गायब होने की जांच नहीं की और मारे गए नेता द्वारा लिखे गए पत्र पर भी विचार नहीं किया।
उन्होंने दोहराया कि विवेकानंद रेड्डी ने दूसरी महिला से शादी करने के लिए 2010 में अपना नाम बदलकर शेख मोहम्मद अकबर रख लिया था और दूसरी पत्नी से उनका एक बेटा शानशाह है। उन्होंने दावा किया कि विवेकानंद रेड्डी अपनी संपत्ति दूसरी पत्नी को देना चाहते थे और इससे संबंधित गोल मुहरें और दस्तावेज उनके घर में पाए गए थे। उन्होंने हैरानी जताई कि सीबीआई लापता स्टांप पेपरों की जांच क्यों नहीं कर रही है।