मुरली मनोहर जोशी ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर ‘भारत रत्‍न’ सम्मान की बधाई दी

By : dineshakula, Last Updated : February 4, 2024 | 9:49 am

नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) ने देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उन्हें ‘भारत रत्‍न’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर बधाई दी है। जोशी ने शनिवार को आडवाणी के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी। दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान लालकृष्ण की बेटी प्रतिभा आडवाणी भी मौजूद थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्‍न से सम्मानित करने की घोषणा करते हुए इसे अपने लिए बहुत ही भावुक क्षण बताया। वहीं, आडवाणी ने इस घोषणा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक धन्यवाद कहते हुए स्वयं बयान जारी कर कहा, “मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ ‘भारत रत्‍न’ स्वीकार करता हूं, जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है , जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवनभर सेवा करने का प्रयास किया।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए आडवाणी ने आगे कहा, “14 साल की उम्र में जबसे मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुआ, तब से मैंने केवल एक ही चीज इनाम में मांगा है – जीवन में मुझे जो भी कार्य सौंपा गया है, उसमें अपने प्यारे देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा करना। जिस चीज ने मेरे जीवन को प्रेरित किया है, वह आदर्श वाक्य है ‘इदं न मम’ ─ : यह जीवन मेरा नहीं है। मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।”

आडवाणी ने दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए आगे कहा, “आज मैं उन दो व्यक्तियों को कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं, जिनके साथ मुझे करीब से काम करने का सम्मान मिला – पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्‍न अटल बिहारी वाजपेयी। मैं अपनी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और अन्य लोगों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिनके साथ मुझे सार्वजनिक जीवन में अपनी पूरी यात्रा के दौरान काम करने का सौभाग्य मिला। मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों, विशेषकर अपनी प्रिय दिवंगत पत्‍नी कमला के प्रति भी अपनी गहरी भावनाएं व्यक्त करता हूं। वे मेरे जीवन में शक्ति और स्थिरता का सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं।”