नेशनल हेराल्ड केस: राहुल–सोनिया पर आपराधिक साजिश का आरोप

FIR में आरोप है कि इन सभी ने मिलकर "AJL को धोखाधड़ी से अपने नियंत्रण में लेने" की साजिश रची।

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 01:10 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड (National Herald) मनी लॉन्ड्र‍िंग केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर आपराधिक साजिश (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी) का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने छह लोगों और तीन कंपनियों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है। FIR में दोनों गांधी परिवार के नेताओं के साथ सम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी और एक अज्ञात व्यक्ति का नाम शामिल है। इसके अलावा जिन कंपनियों को आरोपी बनाया गया है उनमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), यंग इंडियन और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

FIR में आरोप है कि इन सभी ने मिलकर “AJL को धोखाधड़ी से अपने नियंत्रण में लेने” की साजिश रची। डॉटेक्स मर्चेंडाइज पर आरोप है कि उसने यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपए दिए, जिसके जरिए यंग इंडियन ने कांग्रेस को 50 लाख रुपए चुकाए और AJL में नियंत्रण हासिल किया। AJL के पास करीब 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई जाती है।

यह FIR 3 अक्टूबर को दर्ज हुई है और ED की जांच रिपोर्ट पर आधारित है। PMLA की धारा 66(2) के तहत ED किसी भी एजेंसी से शेड्यूल ऑफेंस दर्ज करने और जांच करने को कह सकती है। FIR ऐसे समय सामने आई है जब दिल्ली की अदालत ने इस केस में अपना फैसला 16 दिसंबर तक टाल दिया था।

BJP का हमला
BJP नेता शहज़ाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि “कांग्रेस यानी I Need Corruption और I Need Chori। कांग्रेस का पहला परिवार सबसे भ्रष्ट है और जब भी कार्रवाई होती है, ये पीड़ित बनने लगते हैं।”

नेशनल हेराल्ड केस कैसे शुरू हुआ
यह मामला 2012 में तब शुरू हुआ जब BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने स्थानीय कोर्ट में शिकायत की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर AJL के अधिग्रहण में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया। 1938 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अख़बार 2008 में आर्थिक संकट के कारण बंद हो गया था और AJL पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज था।

कांग्रेस पार्टी ने AJL को 10 साल में करीब 100 किश्तों में 90 करोड़ रुपए का लोन दिया। कांग्रेस के मुताबिक न जनता न AJL यह लोन चुका पाया, इसलिए इसे शेयर में बदल दिया गया। चूंकि कांग्रेस खुद शेयर नहीं रख सकती, इसलिए ये शेयर 2010 में बनी ‘यंग इंडियन’ के नाम कर दिए गए। राहुल और सोनिया गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी रखते हैं। बाकी शेयर मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सम पित्रोदा और सुमन दुबे के पास हैं।

इस तरह यंग इंडियन AJL की बहुसंख्यक शेयर होल्डर बन गई।

ED के वित्तीय आरोप
ED का दावा है कि कुल proceeds of crime 5,000 करोड़ रुपए से अधिक हैं, जिनमें से 2,000 करोड़ AJL की संपत्ति का मूल्य है। एजेंसी अब तक 661 करोड़ की संपत्तियां और 90.2 करोड़ के AJL शेयर अटैच कर चुकी है।

ED की जांच के मुताबिक—

  • 18.12 करोड़ रुपए फर्जी दान दिखाकर टैक्स देनदारी चुकाई गई

  • 38 करोड़ रुपए फर्जी ‘अग्रिम किराया’

  • 29 करोड़ रुपए गैर-विश्वसनीय विज्ञापन

एजेंसी का आरोप है कि कर्नाटक के नेता डीके शिवकुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने यंग इंडियन के लिए दान जुटाने में भूमिका निभाई। शिवकुमार ने 25 लाख व्यक्तिगत रूप से और 2 करोड़ रुपए एक ट्रस्ट के जरिए दिए, जबकि रेवंत रेड्डी ने कई लोगों से 80 लाख रुपए दान कराने में मदद की।

कई विज्ञापनदाताओं ने ED को बताया कि उन्होंने विज्ञापन कांग्रेस नेताओं के आग्रह पर दिए थे, न कि व्यावसायिक जरूरत के कारण।