सुर्खियों से दूर समाज सेवा में लगे रहते हैं पद्म पुरस्कार विजेता : पीएम मोदी

By : hashtagu, Last Updated : January 28, 2024 | 6:16 pm

नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम (Mann Ki Baat program) के दौरान पद्म पुरस्कार विजेताओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ”इस बार भी कई देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीनी स्तर से जुड़कर समाज में बड़े बदलाव लाने का काम किया है।”

मोदी ने कहा, ”इन प्रेरक लोगों की जीवन यात्रा के बारे में जानने के लिए देशभर में काफी उत्सुकता देखी गई है। मीडिया की सुर्खियों से दूर, अखबारों के पहले पन्ने से दूर ये लोग बिना किसी लाइम लाइट के समाज सेवा में लगे हुए हैं। इनमें से अधिकांश पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रहे हैं। जैसे कोई एंबुलेंस सेवा मुहैया करा रहा है तो कोई बेसहारा लोगों के लिए सिर पर छत की व्यवस्था कर रहा है।”

उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे भी हैं जो हजारों पेड़ लगाकर प्रकृति संरक्षण के प्रयासों में लगे हुए हैं। एक ऐसे भी हैं जिन्होंने चावल की 650 से अधिक किस्मों के संरक्षण के लिए काम किया है। कुछ नशे और शराब की लत की रोकथाम के लिए समाज में जागरुकता फैला रहे हैं। स्वयं सहायता समूह खासकर नारी शक्ति अभियान से लोगों को जोड़ने में कई लोग लगे हुए हैं। देशवासी इस बात से भी बेहद खुश हैं कि सम्मान पाने वालों में 30 महिलाएं हैं। ये महिलाएं जमीनी स्तर पर अपने काम से समाज और देश को आगे ले जा रही हैं।”

  • पीएम मोदी ने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं में से हर एक का योगदान देशवासियों के लिए प्रेरणा है। इस बार सम्मान पाने वालों में बड़ी संख्या उन लोगों की है जो शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत, लोक नृत्य रंगमंच, और भजन की दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। यह सम्मान प्राकृत मालवी और लंबाड़ी भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी दिया गया है। विदेश से भी कई ऐसे लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिनका काम भारतीय संस्कृति और विरासत को नई ऊंचाइयां दे रहा है। इनमें फ्रांस ताइवान मैक्सिको और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं।”

पीएम ने कहा, ”मुझे बहुत खुशी है कि पिछले दशक में पद्म पुरस्कारों की प्रणाली पूरी तरह बदल गई है। अब यह पीपल्स पद्मा बन गया है। पद्म पुरस्कार प्रदान करने की प्रणाली में कई बदलाव किये गये हैं। लोगों के पास अब खुद को नामांकित करने का भी मौका है। यही कारण है कि 2014 की तुलना में इस बार 28 गुना अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं। इससे पता चलता है कि पद्म पुरस्कार की प्रतिष्ठा, इसकी विश्वसनीयता और इसके प्रति सम्मान हर साल बढ़ रहा है। मैं एक बार फिर पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।”

  • पीएम ने कहा, “हमने देखा है कि कुछ लोग समाज सेवा कर, कुछ सेना में भर्ती होकर, कुछ अगली पीढ़ी को पढ़ाकर अपना कर्तव्य निभाते हैं, लेकिन दोस्तों, हमारे बीच कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन समाप्त होने के बाद भी समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियां निभाते हैं और जीवन और उसका माध्यम अंग दान है। हाल के वर्षों में, देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंग दान किए हैं। यह निर्णय आसान नहीं है, लेकिन यह निर्णय कई जिंदगियों को बचाने वाला है।”

मोदी ने कहा, ‘‘मैं उन परिवारों की भी सराहना करूंगा जिन्होंने अपने प्रियजनों की अंतिम इच्छाओं का सम्मान किया। आज देश में कई संस्थाएं भी इस दिशा में बहुत प्रेरणादायक प्रयास कर रही हैं। कुछ संस्थाएं लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक कर रही हैं तो कुछ संस्थाएं अंगदान करने के इच्छुक लोगों का पंजीकरण कराने में मदद कर रही हैं। ऐसे प्रयासों से देश में अंगदान के प्रति सकारात्मक माहौल बन रहा है और लोगों की जान भी बच रही है।”