नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस बार निशाने पर हैं देश के विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) , जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सामने आए बयानों के चलते ट्रोल्स के निशाने पर आ गए हैं। आलोचना इतनी तेज़ हुई कि मिसरी को अपना एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट प्रोटेक्ट तक करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स ने विक्रम मिसरी की पुरानी तस्वीरें शेयर करते हुए निजी और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। हालांकि इन सबके बीच AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी मिसरी के समर्थन में डटकर सामने आए हैं।
ओवैसी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं। वे हमारे देश के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। यह याद रखना ज़रूरी है कि हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं और उन्हें सरकार के फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”
मिसरी के समर्थन में कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज भी सामने आए। उन्होंने लिखा,
“विक्रम मिसरी एक कश्मीरी हैं और उन्होंने भारत का नाम रोशन किया है। ट्रोलिंग उनकी देशभक्ति और सेवा को कम नहीं कर सकती। अगर धन्यवाद नहीं कह सकते, तो कम से कम चुप रहें।”
विक्रम मिसरी का नाम पिछले कुछ समय से चर्चा में है, खासकर कूटनीतिक घटनाक्रमों के चलते। लेकिन व्यक्तिगत हमले और ट्रोलिंग ने इस चर्चा को एक नकारात्मक मोड़ दे दिया है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि ऑनलाइन बहस का स्तर कितना नीचे गिर चुका है।