तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ‘खड़गे’ से उम्मीदवारों की सूची को संशोधित करने का किया आग्रह

तेलंगाना में कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (AICC President Mallikarjun Kharge) से राज्य में

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  • Updated On - October 29, 2023 / 05:10 PM IST

हैदराबाद, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में कांग्रेस (Congress Telangana) के दो वरिष्ठ नेताओं ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (AICC President Mallikarjun Kharge) से राज्य में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची को संशोधित और पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी. निरंजन और एआईसीसी किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष एम. कोडंडा रेड्डी ने खड़गे को एक पत्र लिखा है, इसमें वरिष्ठ नेताओं के बीच उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची के कारण पार्टी में पैदा हुए असंतोष को उनके संज्ञान में लाया गया है।

पत्र में लिखा है, “एक राय है कि समर्पित और वफादार नेताओं की कीमत पर पैराशूट को प्राथमिकता दी गई है।” उन्होने लिखा,“कैडर की भावनाओं और असंतोष को देखते हुए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि लोगों के बीच विश्वास बहाल करने और पार्टी में मौजूदा माहौल को ठीक करने के लिए पहली और दूसरी सूची में घोषित उम्मीदवारों के नामों की समीक्षा और पुनर्विचार करें।”

दोनों नेताओं ने हैदराबाद और उसके आसपास के नौ निर्वाचन क्षेत्रों चंद्रयानगुट्टा, बहादुरपुरा, मलकपेट, याकूतपुरा, सनथ नगर, जुबली हिल्स, कुकटपल्ली, राजेंद्र नगर और सेरिलिंगमपल्ली में उम्मीदवारों पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया।

कांग्रेस पार्टी अब तक 119 विधानसभा सीटों में से 100 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। 45 उम्मीदवारों की दूसरी सूची 27 अक्टूबर को घोषित की गई थी। 55 उम्मीदवारों की पहली सूची 15 अक्टूबर को घोषित की गई थी। दोनों सूचियों के कारण कुछ नेताओं ने इस्तीफा दे दिया, जिन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया था।

कांग्रेस ने उन 28 नेताओं को मैदान में उतारा है, जो हाल ही में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे। उनमें से कुछ को वफादारी बदलने के कुछ दिनों बाद टिकट दिए गए। इसे लेकर निरंजन ने खुलकर पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया“अगर कोई सुबह पार्टी में शामिल हो सकता है और शाम को चुनाव लड़ने के लिए टिकट पा सकता है, तो एक कार्यकर्ता को पार्टी का झंडा लेकर पांच साल तक उसके लिए काम क्यों करना चाहिए? पार्टी कार्यकर्ताओं से पार्टी के लिए काम करने के लिए कहने का नैतिक अधिकार खो देती है।”