विजयवाड़ा, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। भीषण चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ (cyclone Michaung) मंगलवार दोपहर को बापटला के पास तट से टकरायेगा। इसे लेकर आंध्र प्रदेश प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मंगलवार सुबह 5.30 बजे नेल्लोर से लगभग 25 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व, कवाली से 20 किमी पूर्व, बापटला से 110 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और मछलीपट्टनम से 170 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था।
इसमें कहा गया है कि चूंकि सिस्टम तट के करीब उत्तर की ओर बढ़ रहा है, दीवार बादल क्षेत्र का कुछ हिस्सा भूमि पर स्थित है। सिस्टम के लगभग उत्तर की ओर समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ने और नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच बापटला के करीब दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को पार करने की संभावना है।
मौसम विभाग ने क्षेत्र में 90-100 किमी प्रति घंटे से लेकर 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान लगाया है।
अधिकारियों ने कहा कि समुद्र अशांत है और तट पर 1 से 1.5 मीटर तक ऊंची ज्वारीय लहरें देखी जा सकती हैं। मछुआरों को पहले ही समुद्र में न जाने की चेतावनी दी जा चुकी है।
रायलसीमा और तटीय आंध्र के कई हिस्सों में सोमवार से भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान तिरूपति जिले सहित कुछ स्थानों पर 39 सेमी बारिश दर्ज की गई।
श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, काकीनाडा, राजमहेंद्रवरम, भीमावरम, एलुरु, विजयवाड़ा, मछलीपट्टनम, गुंटूर, ओंगोल, नेल्लोर और तिरूपति में लगातार बारिश हो रही है।
बारिश के कारण कुछ स्थानों पर सड़क परिवहन बाधित हुआ है। तिरूपति, नेल्लोर, कृष्णा और गुंटूर जिलों के कुछ हिस्सों में निचले इलाकों में पानी भर गया।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने जिला कलेक्टरों, एसपी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को राहत उपाय करने के लिए हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
कैंप कार्यालय से वर्चुअली समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि चक्रवात को एक बड़ी चुनौती के रूप में लें और जान-माल के नुकसान से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं क्योंकि 110 किमी से अधिक की गति से चक्रवाती हवाएँ चलने की आशंका है।
तिरूपति, एसपीएसआर नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा और काकीनाडा जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में राहत और बचाव तैयारियों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव और राहत कार्यों के लिए दो-दो करोड़ रुपये जारी करने के अलावा सभी चक्रवात प्रभावित जिलों के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विशेष अधिकारी कलेक्टरों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे और यदि अधिक धन की आवश्यकता होगी, तो सरकार अनुरोध का अनुपालन करेगी, उन्होंने कहा कि कलेक्टर तुरंत कोई अन्य सहायता मांग सकते हैं।
चूंकि सरकारी मशीनरी के पास ‘हुदहुद’ जैसे चक्रवातों से निपटने का अनुभव है, इसलिए उसे पहले से ही कमर कस लेनी चाहिए और मानव जीवन तथा पशुधन के नुकसान से बचने के लिए युद्ध स्तर पर उपाय करने चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि पांच एनडीआरएफ और पांच एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और आवश्यक 308 शिविरों में से 181 राहत शिविर खोले गए हैं और लोगों को संवेदनशील इलाकों से स्थानांतरित किया जा रहा है।