अयोध्या, 15 जनवरी (आईएएनएस)। श्रीराम जन्मभूमि (SriRam JanamBhoomi) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को बताया कि गर्भगृह में विराजने वाली प्रतिमा का चयन कर लिया गया है। कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी। मेरे अनुसार उन्हीं की मूर्ति का चयन हुआ है। मूर्ति बनाते वक्त वह 15-15 दिन परिवार से बात नहीं करते थे। बहुत परिश्रमी लड़का है। उनकी मेहनत का फल मिला।
उन्होंने कहा कि रामलला की वर्तमान मूर्ति को भी नए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। श्रीरामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार ने प्रतिमा बनाने के दौरान कार्य में खलल न पड़े, इसके लिए महीनों अपने परिजनों से बातचीत तक नहीं की। यहां तक कि बच्चों की सूरत भी नहीं देखी। चंपत राय ने उनकी एकाग्रता की मिसाल सभी के समक्ष रखी।
उन्होंने बताया कि प्रतिमा का निर्माण करने वाले मैसूर के निवासी अरुण योगीराज ने मूर्ति निर्माण कार्य के दौरान जिस तरह से जीवन व्यतीत किया है शायद आप सोच भी नहीं सकते। कार्य के दौरान महीनों तक फोन को हाथ तक नहीं लगाया। अपने बच्चों और परिजनों तक से बात नहीं की। अरुण योगीराज अनेक पीढ़ियों से मूर्ति निर्माण के कार्य से जुड़े हैं। उनके पूर्वज भी यही काम करते आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा उन्होंने ही बनाई है। दिल्ली में इंडिया गेट के नीचे सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है। श्रीरामलला की मूर्ति चयन की प्रक्रिया में उन्हीं की मूर्ति का चयन किया गया। सभी ट्रस्टीज ने उनकी मूर्ति की प्रशंसा की है।
ज्ञात हो कि कर्नाटक के वरिष्ठ भाजपा नेता येदियुरप्पा ने बीते दिनों सोशल मीडिया मंच पर लिखा था कि मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या के भव्य श्री राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है, जिससे राज्य के सभी राम भक्तों का गौरव और खुशी दोगुनी हो गई है।