लखनऊ, 16 अप्रैल (आईएएनएस)| आखिरकार, अतीक अहमद (ateek Ahmed) के वो शब्द सच साबित हो गए, जो उसने 19 साल पहले कहे थे। बता दें कि अतीक अहमद की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या (Shot dead) कर दी गई है। 2004 में पत्रकारों से बात करते हुए अतीक ने कहा था, एनकाउंटर होगा, या पुलिस मारेगी, या कोई अपनी बिरादरी का सिरफिरा मार देगा, सड़क के किनारे पड़ा मिलूंगा।
इस महीने की शुरूआत में साबरमती जेल से प्रयागराज की अपनी यात्रा के दौरान, अतीक अहमद ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि वह केवल इसलिए ‘सुरक्षित’ हैं, क्योंकि वे उनके काफिले के साथ थे।
शनिवार को पत्रकारों के रूप में आए हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। अतीक हमेशा से इस बात से वाकिफ था कि एक दिन उसका इसी तरह अंत होगा। अतीक ने कहा था, सब को पता होता है अंजाम क्या होना है। कब तक टाला जा सकता है, ये सब (चुनाव लड़ना) इसकी ही जद्दोजहद है।
एक बार, जब वह फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहा था, जिसका प्रतिनिधित्व कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू करते थे, तो इस पर अतीक ने कहा था, पंडित जी की तरह हम नैनी जेल में भी रहे हैं। वो किताब लिखे वहां, हमें अपनी हिस्ट्री शीट की वजह से जाना पड़ा था।’ उसने यह भी स्वीकार किया था कि उसे अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था।