प्रयागराज, 1 अगस्त (आईएएनएस)। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले (Sri Krishna Janmabhoomi and Shahi Idgah Mosque cases) में अहम फैसला सुनाया जिसके बाद जहां मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है वहीं हिन्दू पक्ष के लोग खुश हैं। श्रीकृष्ण जन्म भूमि और शाही-ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद वर्षों पुराना है।
हिन्दू पक्ष लगातार इस बात को उठाता रहा है कि यह जगह श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। कोर्ट में हिन्दू पक्ष ने करीब 18 याचिका दायर की थी। जिसमें मांग की गई थी यहां पर पूजा करने का अधिकार दिया जाए। हिन्दू पक्ष की इस याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने रोक लगाने के लिए प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला दिया था।
याचिका में मांग की गई थी कि हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज किया जाए। लेकिन, गुरुवार को इलाहाबाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस याचिका को ही खारिज कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष की उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें यह दावा किया गया है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे ही असली श्री कृष्ण जन्म स्थान है। इस मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
कोर्ट के इस फैसले के बाद मथुरा में याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा ने मिठाईयां बांटी और अपनी खुशी प्रकट की। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हमारे हक में फैसला दिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। अब कोर्ट हिन्दू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करेगा।
कृष्ण जन्मभूमि मामले पर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 4 महीने तक सुनवाई करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका खारिज कर दी। शाही ईदगाह मस्जिद का तर्क था कि ये मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत वर्जित है। 12 अगस्त को अगली सुनवाई है।
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