Budget 2023: वेतनभोगी वर्ग के लोग आगामी बजट 2023 को बड़ी आशा के साथ देख रहे हैं कि केंद्र सरकार उनके आयकर के बोझ को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा करेगी.
लंबे समय से वेतनभोगी वर्ग के बीच आयकर के बोझ को कम करने की प्रमुख मांग बनी हुई है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा इन नियमों में किसी बड़े सुधार की घोषणा नहीं की गई. एक वैकल्पिक आयकर की घोषणा जरूर की गई थी, लेकिन यह राहत देने के मामले में काफी हद तक उल्टा साबित हुआ है.
वेतनभोगी व्यक्ति देश में करदाताओं का सबसे बड़ा समूह है और कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को कुछ राहत उपायों की घोषणा करनी चाहिए, जिसका उद्देश्य या तो नई आयकर व्यवस्था को आकर्षक बनाना या पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब को आगे बढ़ाना है. पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत लागू 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने के लिए भी कई अपीलें की गई हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी के बाद धीमी आय वृद्धि और बढ़ती मुद्रास्फीति के मद्देनजर वेतनभोगी व्यक्तियों की मांग उचित है, वे आगामी बजट में इस तरह की घोषणाओं को लेकर बहुत आशावादी नहीं हैं.
कई अर्थशास्त्रियों ने पहले ही कहा है कि बिगड़ते वैश्विक आर्थिक माहौल और FY24 में जीडीपी में मंदी की संभावना को देखते हुए सरकार को आगामी वित्तीय वर्ष में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.