नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने भारत- चीन सीमा के हालात, लगातार बढ़ रही महंगाई, कश्मीरी पंडितों के ऊपर हो रहे हमलों, संघीय ढांचे, आरक्षण, ईडब्ल्यूएस कोटे और संवैधानिक संस्थानों के दुरुपयोग सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सदन में चर्चा कराने की मांग की। विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों पर भी चर्चा का पर्याप्त समय देने की मांग की। मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद (Parliament)के शीतकालीन सत्र Winter Session) को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में 47 राजनीतिक दलों में से 31 राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार को भारत-चीन सीमा के वास्तविक हालात की जानकारी सदन को देनी चाहिए। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई को देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि वे देश के माहौल, सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव, सरकारी एवं संवैधानिक प्रतिष्ठान का बेजा इस्तेमाल, कश्मीर में हिंदू पंडितों के ऊपर लगातार बढ़ रहे हमले, किसानों के साथ एमएसपी को लेकर किए गए वादे को पूरा करने, देश के संघीय ढांचे पर हो रहे प्रहार जैसे मुद्दों पर सदन में चर्चा चाहते हैं। चौधरी ने सत्र की तारीख को लेकर सरकार से यह कहा कि उन्हें ऐसा करते समय ईसाई समुदाय के त्योहार ( क्रिसमस) का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस सत्र को छोटा करने की मांग नहीं कर रही है बल्कि सरकार को 7 दिसंबर की बजाय इस सत्र को पहले ही शुरू कर देना चाहिए था क्योंकि चुनावों के लिए संसद सत्र को टालने की कोई जरूरत नहीं थी।
अधीर रंजन चौधरी ने सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों और आइटम्स की संख्या पर सवाल उठाते हुए पूछा कि 17 दिनों के छोटे से सत्र में 24-25 आइटम्स पर चर्चा कैसे हो सकती है। उन्होंने सरकार से बिल पर चर्चा के लिए विपक्ष को पर्याप्त समय देने की भी मांग की। सरकार से आश्वासन मिलने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनका जवाब अब महज औपचारिकता ही बन कर रह गया है कि वो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
सर्वदलीय बैठक में अकाली दल ने पंजाब में बढ़ रहे नशे और किसानों का मुद्दा उठाया। बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण और कोलेजियम का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष को अहम मुद्दे उठाने देने की अनुमति देने की मांग की।
सरकार की तरफ से बोलते हुए केंद्रीय संसदीय (Parliament) कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। नियमानुसार होने और स्पीकर/अध्यक्ष की अनुमति मिलने पर सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में राजनीतिक दलों की तरफ से कई सुझाव आए हैं जिनपर बीएससी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
क्रिसमस को लेकर कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिसमस के त्योहार के दिन 25 दिसंबर को रविवार है और उस दिन हम सब लोग क्रिसमस मनाएंगे। जोशी ने आगे कहा कि इससे पहले 24 दिसंबर को शनिवार है। इन दोनों दिन संसद की कार्यवाही नहीं होगी। विपक्ष अगर यह चाहता है कि 25 दिसंबर के बाद कोई कामकाज ही न हो तो यह गलत है, लेकिन अगर उनकी तरफ से बीएसी में प्रस्ताव आता है तो हम एक और दिन यानी 26 दिसंबर को भी सदन की कार्यवाही को स्थगित करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा सरकार पर यह आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने क्रिसमस के त्योहार को इग्नोर कर दिया है और हम उनके आरोप की भर्त्सना करते हैं।
शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए जोशी ने आगे कहा कि देश के दो महत्वपूर्ण राज्यों में विधान सभा चुनाव हो रहे थे और लोकतंत्र के इस त्योहार को लेकर सत्र को 7 दिसंबर से शुरू करने का फैसला किया गया।
रक्षा मंत्री एवं लोक सभा में भाजपा के उपनेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री एवं राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, अर्जुन राम मेघवाल, वी. मुरलीधरन भी बैठक में शामिल हुए। अन्य राजनीतिक दलों में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह,जनता दल यूनाइटेड से रामनाथ ठाकुर, बीजू जनता दल से पिनाकी मिश्रा, अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल और नेशनल कांफ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला के अलावा कई अन्य राजनीतिक दलों के भी फ्लोर लीडर्स बैठक में मौजूद रहे।
आपको बता दें कि, संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार, 7 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है और इसके 29 दिसंबर तक चलने की संभावना है। सत्र के 23 दिनों के दौरान सदन की 17 बैठकें होंगी।