झारखंड चुनाव : गांडेय सीट से कल्पना सोरेन पीछे, भाजपा की मुनिया देवी 3 हजार से अधिक वोटों से आगे

झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणामों (Jharkhand assembly election results) के बीच गांडेय सीट पर मतगणना जारी है

  • Written By:
  • Updated On - November 23, 2024 / 11:04 AM IST

रांची, 23 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणामों (Jharkhand assembly election results) के बीच गांडेय सीट पर मतगणना जारी है और अब तक के रुझान में भाजपा प्रत्याशी मुनिया देवी (BJP candidate Muniya Devi) ने बड़ी बढ़त बना ली है। मुनिया देवी 3 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं, जबकि महागठबंधन की उम्मीदवार और प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पीछे हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, कल्पना सोरेन को अब तक करीब 4 हजार वोट प्राप्त हुए हैं। हालांकि, भाजपा की मुनिया देवी से उनकी दूरी बहुत ज्यादा है, वह बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रामेश्वर दुसाध को बहुत ही कम वोट मिले हैं, उन्हें अब तक केवल 132 वोट मिले हैं। रुझानों को देखकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा की मुनिया देवी गांडेय सीट पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए हैं और हेमंत सोरेन की पत्नी की स्थिति कमजोर नजर आ रही है।

3 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर के बीच अगर यही स्थिति बनी रहती है तो कल्पना सोरेन के लिए जीत की राह मुश्किल हो जाएगी। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन इस चुनाव में हेमंत सोरेन के बाद झामुमो की सबसे बड़ी और लोकप्रिय स्टार प्रचारक रही हैं। वह इसी साल जनवरी में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद राजनीति में आईं और इस सीट पर जून में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंची थीं। वहीं, दूसरी तरफ उनकी विपक्षी मुनिया देवी गिरिडीह जिले की जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह ओबीसी समुदाय से आती हैं और गांडेय उनका मायका है। गांडेय सीट के चुनावी इतिहास की बात करें, तो सबसे पहले यहां 1977 में चुनाव हुए थे।

उस वक्त जनता पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण स्वर्णकार ने यहां से जीत का परचम लहराया था। उस समय यह विधानसभा क्षेत्र बिहार का हिस्सा हुआ करता था। इसके बाद हुए अगले चार चुनावों में एक बार कांग्रेस, दो बार झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक बार भाजपा की जीत हुई। झारखंड बनने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दो बार इस सीट पर जीत का परचम लहराया था। इसके बाद 2009 में कांग्रेस को जीत मिली। 2014 में यह सीट फिर भाजपा के पास आ गई। साल 2019 के चुनाव में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत हासिल की थी। अब इस बार इस सीट पर होने जा रहे चुनाव में कौन जीत का परचम लहराने में सफल रहता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।