नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Delhi State President Virendra Sachdeva) ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की आलोचना करते हुए कहा है कि आप एक निरंकुश और अराजक पार्टी है, जो दिल्ली विधानसभा और दिल्ली नगर निगम सदन में विपक्ष को बोलने और सार्वजनिक हित के मुद्दों को उठाने की अनुमति देने में विश्वास नहीं करती है।
सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली विधानसभा में प्रश्नकाल की अनुमति नहीं देती है और अब वह विपक्ष को एमसीडी में कोई मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं देती है। यह आश्चर्य की बात है कि संसद में अपने सांसदों के अधिकारों की दुहाई देने वाले अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सदन में सरकार के घोटालों को उठाने पर सभी विपक्षी भाजपा विधायकों को दिल्ली विधानसभा से निलंबित कर देती है और इसी तरह से आज महापौर ने भाजपा के 4 वरिष्ठ पार्षदों सरदार राजा इकबाल सिंह, योगेश वर्मा, गजेंद्र दराल और रवि नेगी को निलंबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार स्थानीय शॉपिंग सेंटर की दुकानों को तत्काल डी-सील करने और जन सरोकार के मुद्दे सरकारी अस्पतालों में नकली दवाओं के वितरण पर चर्चा की मांग उठाई।
उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि दिल्ली भाजपा लोगों की आवाज को दबाने के लिए विधायकों और पार्षदों के निलंबन की कड़ी निंदा करती है। इसके साथ ही सचदेवा ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर दिल्ली के फैक्ट्री मालिकों को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि आज फैक्ट्री मालिकों के एक प्रतिनिधिमंडल को खुश करने और गुमराह करने के लिए मंत्री भारद्वाज ने घोषणा की कि वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि वे अनियोजित औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों को नॉन कन्फर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों में न बताएं। मंत्री ने यह दिखावा करने की कोशिश की है कि जब नॉन कन्फर्मिंग एरिया लिखा जाता है तो यह सीलिंग को आमंत्रित करता है, लेकिन अनियोजित औद्योगिक क्षेत्र लिखने से उन्हें सीलिंग से बचाया जा सकेगा जो कानूनी रूप से कोई ठोस समाधान नहीं है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि बेहतर होता, अगर मंत्री सौरभ भारद्वाज फैक्ट्री मालिकों के साथ नौटंकी करने की बजाय दिल्ली सरकार और एमसीडी की बैठक बुलाते। उद्योग विभाग के नियमों में इस प्रकार संशोधन करवाते कि 28 ऐसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति दी जा सके, जिनमें अनधिकृत कहलाने वाली अधिकांश ऐसी फैक्टरियां मौजूद हैं।