अमित शाह का विपक्ष पर हमला: बोले – उपराष्ट्रपति उम्मीदवार ने नक्सलियों की मदद की, सलवा जुडूम खत्म कर नक्सलवाद को बढ़ावा दिया

शाह ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला नहीं आता, तो भारत में वामपंथी उग्रवाद 2020 तक समाप्त हो गया होता।

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  • Publish Date - August 23, 2025 / 12:04 AM IST

कोच्चि: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को केरल के कोच्चि में आयोजित मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में विपक्षी गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए। शाह ने कहा कि जस्टिस रेड्डी का 2011 का फैसला नक्सलियों के पक्ष में था और इसके कारण छत्तीसगढ़ में चलाया जा रहा सलवा जुडूम अभियान खत्म करना पड़ा, जिससे नक्सलवाद को फायदा पहुंचा।

शाह ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला नहीं आता, तो भारत में वामपंथी उग्रवाद 2020 तक समाप्त हो गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि जस्टिस रेड्डी ने विचारधारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सुप्रीम कोर्ट जैसे पवित्र मंच का उपयोग किया और सरकार की नक्सल विरोधी रणनीति को कमजोर किया।

क्या था सलवा जुडूम:
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने ‘सलवा जुडूम’ अभियान चलाया था, जिसमें आदिवासी युवाओं को हथियार देकर स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) बनाया गया था। लेकिन 2011 में सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस रेड्डी शामिल थे, ने इस योजना को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताते हुए इसे बंद करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षाबलों का इस्तेमाल करे, न कि गरीब आदिवासियों को ढाल बनाकर माओवादियों से लड़ाई करवाए।

अमित शाह ने आगे कहा:

“विपक्ष के प्रत्याशी वही हैं, जिन्होंने नक्सल समर्थक जजमेंट दिया। अगर यह निर्णय न आया होता, तो आज नक्सलवाद का अंत हो चुका होता। कांग्रेस पार्टी वामपंथियों के दबाव में इस तरह का उम्मीदवार सामने ला रही है, यह केरल की जनता जरूर देखेगी।”