आंध्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, चंद्रबाबू नायडू को लंबित मामलों पर टिप्पणी करने से रोकें

यह याद किया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राजनीतिक नेता को कथित कौशल विकास निगम मामले से संबंधित कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश दिया था।

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  • Publish Date - December 12, 2023 / 05:22 PM IST

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि टीडीपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) को कथित फाइबरनेट घोटाला मामले से संबंधित कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से रोका जाए।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ से आग्रह किया कि नायडू को लंबित मामले के बारे में कोई राजनीतिक बयान नहीं देने का निर्देश दिया जाए।

यह याद किया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राजनीतिक नेता को कथित कौशल विकास निगम मामले से संबंधित कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश दिया था।

जवाब में, नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पूर्व सीएम के खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में दिल्ली और अन्य राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।

दलीलें सुनने के बाद, पीठ ने सुझाव दिया कि दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सुनवाई 17 जनवरी 2024 तक के लिए स्थगित कर दी।

इसने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश सीआईडी द्वारा दिया गया वचन कि वह फाइबरनेट मामले में नायडू को गिरफ्तार नहीं करेगा, सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगा।

नायडू पर राज्य में टीडीपी सरकार के दौरान हुए आंध्र प्रदेश फाइबरनेट घोटाले में ‘मुख्य भूमिका’ निभाने का आरोप है। सीआईडी ने उन पर एक निश्चित कंपनी का पक्ष लेने के लिए अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है, जिसे फाइबरनेट अनुबंध से सम्मानित किया गया था।