लखनऊ, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे जातीय जनगणना (Caste census) के मुद्दे की काट ढूंढ रही भाजपा पीएम विश्वकर्मा योजना (BJP PM Vishwakarma Scheme) को अपना हथियार बना रही है। शासन और अन्य संगठनों में पिछड़े वर्गों की भागीदारी को लेकर विपक्ष ने इन दिनों जातीय जनगणना के मुद्दे को काफी जोर-शोर से उठा रखा है। इसे देखते हुए भाजपा ने भी पिछड़े वर्गों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है।
दरअसल पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, नौका निर्माता, शस्त्रसा, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची (जूता कारीगर), राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू निर्माता, कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वालों को लाभ मिलेगा।
भाजपा के महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने कहा कि स्वरोजगार को प्रेरित करने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से शिल्पकार एवं कारीगरों का सामाजिक जीवन स्तर उठाने का एक अभिनव प्रयास भी है। पार्टी बूथ स्तर पर अभियान चलाकर शिल्पकार एवं कारीगरों को योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगी।
राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि विपक्ष के संयुक्त गठबंधन भी पिछड़ी जातियों को साधने में लगा है, लेकिन भाजपा सरकार योजनाओं के जरिये अपना वोट बैंक मजबूत बना रही है। इस काम से ज्यादातर पिछड़े वर्ग के लोग ही जुड़े होते हैं, इसलिए भाजपा इन्हें बड़ा वोट बैंक के रूप में देख रही है। इसलिए भाजपा अभियान चलाकर हुनरमंदों को इस योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगी।