Chhattisgarh : छाने लगीं ‘चुनावी’ घटाएं! कमल-पंजे में ‘शीतयुद्ध’
By : madhukar dubey, Last Updated : June 25, 2023 | 12:58 pm
खैर, अब बात करते हैं छत्तीसगढ़ में सियासी हलचलों की। इससे प्रदेश की सियासत में बन रही फिजां की। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा अपनी-अपनी पार्टियों के संगठन को चुस्त दुरुस्त करने में जुटे हैं। ऐसे में कांग्रेस-बीजेपी के इन दो बड़े नेताओं के दौरे लगातार छत्तीसगढ़ में हो रहे हैं। इनमें सत्ता की कुंजी कहे जाने वाले बस्तर संभाग दोनों पार्टियों के केंद्र बिंदु यानी प्राथमिकता की श्रेणी में है। बीजेपी के हर दांव पर कांग्रेस की बारीक नजरें गढ़ी हुई हैं। इसके उदाहरण स्वरुप यह है कि जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर बस्तर संभाग की सभी विधानसभाओं में दौरा कर वहां के पदाधिकारियों और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से बैठक लिए। इसके बाद कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी सैलजा भी वहां पहुंचीं और विधायकों और पदाधिकारियों के बैठक की। सभी को एकजूट होकर काम करने की नसीहत दी। साथ ही भूपेश सरकार के कामों को लेकर जनता के बीच जाने का उन्होंने निर्देश दिया। वहीं पीएम मोदी की सरकार की बेरोजगारी, महंगाई सहित मुद्दों को भी जनता के बीच उठाने की बात की।
कुछ इसी अंदाज में बीजेपी के प्रदेश प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने भूपेश सरकार के दौरान कथाकथित घोटाले और भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने का आह्वान किया है। साथ ही रमन सरकार के पिछले 15 साल के काम और पीएम मोदी की योजनाओं को लेकर संपर्क अभियान छेड़ने के निर्देश दिए।
देखा जाए तो मुद्दों तो कांग्रेस और बीजेपी ने तैयार कर लिए हैं। जहां कांग्रेस ने मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ की उपेक्षा की मुद्दा उठा रही है। वहीं बीजेपी कांग्रेस सरकार द्वारा पीएम आवास बंद किए जाने और इस मुद्दे पर कांग्रेस के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा इस्तीफा को जोड़कर नाकामी बताने में लगी है। इसके साथ ही कथाकथित कोयला, शराब घोटाला, गौठान सहित अन्य मुद्दों की फेहरिश्त लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है। लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी के इन मुद्दों को मनगढ़त और झूठ बतला रही है। उसका कहना है कि बीजेपी मुद्दाविहिन है। बीजेपी ईडी के भरोसे चुनाव जीतना चाह रही है। साजिश और झूठ के आधार पर कांग्रेस नेताओं के छापे पड़वा रही है। भूपेश बघेल ने कहा था, बीजेपी ड्रामेबाज है, चुनाव को देखते हुए एक फिर धर्मांतरण का उठाने में लगी हैं। बीजेपी के पास कोई चेहरा नहीं है।
बरहाल, बीजेपी के भूपेश के कामकाज और लोकप्रियता के तिलिस्म को तोड़ पाना कठिन है। क्योंकि धान के समर्थन मूल्य के वादे को पूरा करने के बाद जिस तरह से ग्रामीण अंचल में कांग्रेस ने गौठान, राजीव गांधी न्याय योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से अपनी पैठ जमा चुकी है। ऐसे में बीजेपी के लिए वहां माहौल बनाना टेढ़ीखीर साबित होगी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए शीर्ष नेतृत्व जुटा है। इधर केंद्रीय गृहमंत्री गिरिराज सिंह दौरे पर हैं। वहीं जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जुलाई माह में आने वाले हैं। प्रदेश में बराबर बड़े नेताओं के दौरे भी हो रहे हैं। जिस पर भूपेश बघेल ने कहा था, इनके नेता आएंगे और जाएंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। कांग्रेस इस बार 70 प्लस के साथ दोबारा सत्ता में आएगी। इधर, बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह दुर्ग में जनसभा को संबोधित किया। साथ ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया है। कहा, हम माेदी सरकार की 9 की साल उपलब्ध्यिां हैं,उसे लेकर जनता के बीच जाएंगे। साथ ही भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में जनता को बताएंगे। खैर, उन्होंने संकेत दिया कि बीजेपी किसी के चेहरे पर चुनाव लड़ने नहीं जा रही है। लेकिन इसके उलट कांग्रेस भूपेश बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ माॅडल की गूंज है। फिलहाल, अभी राजनीतिक जानकारों के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में बराबरी पर है। ये आने वाला वक्त ही बताएगा, कौन किस पर भारी पड़ेगा।
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