हरदा पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव, कांग्रेस ने लगाया मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप
By : hashtagu, Last Updated : February 7, 2024 | 9:47 pm
- मंगलवार को मगरधा के बैरागढ़ गांव में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत और 150 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद राहत और बचाव कार्य चलाया गया। कई मकान खाली पड़े हैं और उनमें रहने वाले मजदूर और उनके परिजन मौके पर नहीं हैं।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को हरदा के बैरागढ़ में स्थित पटाखा फैक्ट्री के दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। संभाग आयुक्त नर्मदापुरम संभाग पवन कुमार शर्मा ने दुर्घटना के संबंध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की विस्तृत जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा ताकि दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को हुई दुर्घटना में मृतक प्रियांशु प्रजापति के घर पहुंचकर उनके परिजनों से भेंटकर शोक संवेदनाएं प्रकट की तथा उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला अस्पताल हरदा पहुंचकर पटाखा दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। डॉ. यादव ने अस्पताल प्रबंधन को दुर्घटना में घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों को आश्वस्त किया कि संकट की घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ है। पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी।
घायल व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि हादसे में उनके घर पूरी तरह टूट गए हैं। मवेशी भी मारे गए हैं। मुख्यमंत्री ने हरदा कलेक्टर को क्षतिग्रस्त आवासों की लिस्टिंग कर पीड़ित परिवारों को आवास के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घायल मवेशियों का बेहतर उपचार किया जाएगा। मृत मवेशियों का मुआवजा प्रभावित व्यक्तियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- मुख्यमंत्री के हरदा प्रवास के बाद हरदा के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार कंचन को हटा दिया गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने हादसे में गंभीर रूप से घायल पांच व्यक्तियों को एक-एक लाख रुपए राशि की आर्थिक सहायता का चेक वितरित किया। उन्होंने अन्य घायलों को 25-25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद का वादा किया।
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी भी हरदा पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि नन-प्रोफेशनल लोगों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है। मृतकों के आंकड़ों को छिपाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि जिस स्थान पर इतनी बड़ी इमारत गिरी और उसके बाद मशीनें चलाई गई, तो क्या किसी का शव सलामत मिलेगा।
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