चिट्टी ने खोले ‘राहुल’ के मन के राज! लिखा-‘मेरी भारत माता’…
By : madhukar dubey, Last Updated : August 15, 2023 | 4:43 pm
रास्ते में अनेक लोगों ने मुझसे पूछा : ये आप क्यों कर रहे हैं। आज कई लोग मुझसे यात्रा के लक्ष्य के बारे में पूछते हैं। आप क्या खोज रहे थे। आपको क्या मिला।
असल में मैं उस चीज को समझना चाहता था, जो मेरे दिल के इतने करीब है, जिससे मुझे मृत्यु से आंख मिलाने और चरैवेति की प्रेरणा दी, जिसने मुझे दर्द और अपमान सहने की शक्ति दी। और जिसके लिए मैं सब कुछ न्योछावर कर सकता हूं।
दरअसल मैं जानना चाहता था कि वह चीज आखिर है क्या, जिसे मैं इतना प्यार करता हूं, यह धरती, ये पहाड़, यह सागर, ये लोग या कोई विचारधारा। शायद मैं अपने दिल को ही समझना चाहता था। वह क्या है, जिसे मेरे दिल को इस जतन से पकड़ रखा है।
वर्षों से रोजना वर्जिश में लगभग हर शाम मैं 8-10 किलोमीटर दौड़ लगता रहा हूं। मैंने सोचा : बस पच्चीस, मैं तो आराम से 25 किलोमीटर चल लूंगा। मैं आश्वस्त था कि यह एक आसान पदयात्रा होगी।
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